पेयजल आपूर्ति योजना के तहत पाइप बिछाने के नाम पर शहर की सड़कों को खोद कर छोड़ दिया गया। स्थिति यह है कि जिले के आलाधिकारियों के निर्देशों को भी एजेंसी बात नहीं मान रही है।
ऐसे में सड़क पर खोदे गड्ढों में सिस्टम दम तोड़ता नजर आ रहा है, वहीं शहर के आम लोग बेबसी के आंसू बहाने को मजबूर हैं।
जलापूर्ति पाइप बिछा रही एजेंसी जनप्रतिनिधियों से लेकर जिले के आलाधिकारियों तक के निर्देश को नहीं मान रही है, जबकि पाइप बिछाने के बाद सड़क को 15 दिनों के अंदर मोटरेबल बनाना है। सड़क काटने से पहले लोगों को वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराया जाना है। सरकारी निर्देश कागज पर हैं, धरातल पर एजेंसी की सिर्फ मनमानी दिखती है।