अमूमन अब तक देखा जाता था कि पुल पर जाम लगने के बाद इक्के दुक्के पुलिस कर्मी ही नजर आते थे और लोगों की मदद करने वाला कोई नहीं होता था. लेकिन शनिवार का नजारा अलग था. जाम तो जबरदस्त था लेकिन एक तरफ पुलिस जाम से जूझ रही थी तो दूसरी तरफ जैसे ही किसी परीक्षार्थी के जाम में फंसे होने की सूचना मिलती थी या फिर कोई परीक्षार्थी जाम में फंसा दिख जाता था, वैसे परीक्षार्थी को मोटरसाइकिल से पुल पार कराने का तुरंत प्रबंध किया जाता था. नवगछिया से परीक्षा देने भागलपुर जा रहे छात्र सुमित कुमार ने परीक्षा दे कर लौटने के क्रम में जाह्नवी चौक पर बताया कि आज अगर पुलिस अंकल उसे समय पर परीक्षा केंद्र नहीं पहुंचाते तो वह काफी विलंब से सेंटर पर पहुंचता. सुमित ने कहा कि उसने पुलिस अंकल को थैंक्यू बोला है.
राजद के प्रधान महासचिव संजय कुमार मंडल भी जाम में फंसे दिखे, उन्होंने कहा कि एक घंटे से वे जाम में फंसे है. जहां वाहन र्दुघटनाग्रस्त हुआ है वहां पुलिस लगी है. वन वे है. लेकिन छोटे वाहन चालक ओवरटेक करके जाम लगा दे रहे हैं. ऐसे वाहन चालकों पर तुरंत जुर्माना किया जाय तो जाम तुरंत समाप्त हो जायेगा. प्रशासन को और ज्यादा चुस्त होना चाहिए और नियम का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों पर तुरंत जुर्माना लगाना चाहिए. जाम में भाजपा के जिला मंत्री मुकेश राणा भी फंसे दिखे, हालांकि वे मोटरसाइकिल से थे, इसलिए दो परीक्षार्थियों को अपनी मोटरसाइकिल से उन्होंने पुल पार कराया.
मुकेश राणा ने कहा कि भागलपुर का सेंट नवगछिया दिया गया है और नवगछिया का सेंटर भागलपुर दिया गया है. जब सेतु की स्थिति ठीक नहीं है, गर्मी का मौसम है. जिलाधिकारी का आदेश है कि 10.30 तक ही विद्यालयों का संचालन हो तो ऐसे में दूर के सेंटरों पर परीक्षा केंद्र बनाना अनुचित है. आगे से संबंधित पदाधिकारियों को छात्र छात्राओं के हित का ध्यान रख कर होम टाउन में ही सेंटर बनाना चाहिए.