नवगछिया स्टेशन रोड में किताब बेचने वाले का बेटा संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर आईपीएस बन देश और बिहार का मान बढ़ाया है. खरीक के गणेशपुर निवासी मंटू शर्मा के पुत्र मंजीत कुमार ने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर 405 वां रैंक लाने में कामयाबी हासिल की है. ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े मंजीत ने यह कामयाबी दूसरे प्रयास में हासिल की.यूपीएससी की फाइनल रिजल्ट में मंजीत का रोल नंबर 142 3411 और रैंक 405 है. मनजीत ने यूपीएससी की परीक्षा में 405 वा रैंक लाकर इंडियन पुलिस सर्विस आईपीएस बनने में कामयाबी हासिल की है. मनजीत ने इसके लिए 2020 में प्रथम प्रयास किया था. उसके बाद 2021 में दूसरा प्रयास किया जिसमें मनजीत को कामयाबी हासिल हुई.
मनजीत की प्रारंभिक शिक्षा खरीक के गणेशपुर मध्य विद्यालय में हुई. कक्षा 6 से 12वीं तक की पढ़ाई नवोदय विद्यालय में हुआ. उसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा से मनजीत ने एनआईटी पास कर सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक किया.
मनजीत का बड़ा भाई मनीष कुमार चौरसिया हांगकांग के फिलिप मैनेजमेंट मेरिन कंपनी में मेरिन इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं. पिता मंटू शर्मा गोटखरीक पंचायत में पूर्व में सरपंच पद पर रहे. मनजीत के दादाजी गणेशपुर निवासी भुवनेश्वर प्रसाद शर्मा का आज भी नवगछिया स्टेशन रोड में फल मंडी के बगल में पुश्तैनी पुस्तक की दुकान है. पिता दादा और चाचा मूल पेशे से किसान है. गांव में खेतीबाड़ी से जीवकोपार्जन होता है. मनजीत को सही राह दिखाने में उसके माता भावना देवी और पिता मंटू शर्मा की अहम भूमिका रही है.
परिवार में चाचा मुकेश कुमार शर्मा ,राकेश कुमार शर्मा मनजीत के बड़ी भाभी समेत शर्मा ,चौरसिया परिवार के सभी लोगों का भरपूर सहयोग और प्यार मिलता रहा है. मनजीत के यूपीएससी परीक्षा पास करने से खरीक समेत आसपास के लोगों में जश्न का माहौल है. मनजीत के माता पिता और परिवार के लोग इस खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. मनजीत ने बताया कि उसने दिल्ली में रहकर
यूपीएससी की तैयारी की. दूसरे प्रयास में उसे कामयाबी हासिल हुई.
उसने अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपनी पूजनीय माता भावना देवी ,पिता मंटू शर्मा ,दादा भुवनेश्वर प्रसाद शर्मा, चाचा,भाई समेत परिवार की सभी लोगों और गुरुजनों को दी है. इस खुशी के पल में अपने भावों को अभिव्यक्त करते हुए मनजीत के पिता मंटू शर्मा ने कहा कि मैं यह सुनकर काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं और खुशी इतनी कि ऐसा मालूम पड़ रहा है कि उसके पुत्र ने उसे जन्नत की खुशी दी है.