भागलपुर सुलतानगंज प्रखंड के भीरखुर्द पंचायत के तरैटा गांव मे विद्यालय नहीं होने पर बच्चे शिक्षा से हो रहे वंचित।वहीं ग्रामीणों ने बताया कि तरैटा गांव मे विद्यालय नहीं होने पर गांव के बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।जबकि 2006 के पुर्व से लोक शिक्षण केंद्र चलाया जा रहा था।जिसमें दो शिक्षक कि नियुक्ति हुई थी।सरकार के नियमावली के तहत लोक शिक्षण केन्द्रों के परिवर्तन करते हुए विश्व सुत्री कार्यक्रम के तहत जन प्रतिनिधियों के अनुशंसा के अधार पर प्रार्थमिक विद्यालय के रुप मे परिवर्तित कर दिये गए।
विभाग द्वारा 2006 मे दो. शिक्षक की नियुक्ति कर दी गई थी।जो समुदायिक भवन तरैटा गांव में विद्यालय संचालित होने लगा था।2015 तक विद्यालय समुदायिक भवन में चल रहा था। साथ ही 2008 में भीरखुर्द पंचायत में विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रात्री विश्राम कर जन सभा को संम्बोधित करते हुए तरैटा प्राथमिक विघालय के लिए 5 लाख 75 हजार रुपए कि राशि आवंटित कर अंचल को भुमि निर्गत करने का आदेश जारी किए थे।
लेकिन गांव के असमाजिक तत्वों द्वारा बिहार सरकार के जमीन खसरा नम्बर 742 मे 5 एकड 20 डिसमिस को चार दिवारी कर घेरते हुए कब्जा कर लिया गया।जो अबतक असमाजिक तत्वों के दखल कब्जे मे जमीन हैं।जो अंचल द्वारा अबतक बंदोबस्ती नहीं कि गई हैं।और न ही प्राथमिक विद्यालय का निर्माण हो पाया हैं। वहीं गांव के भुत पुर्व शिक्षक लक्ष्मी प्रसाद सिंह पिता गोर्वधन प्रसाद सिंह ने अपनी खतियानी जमीन खसरा नम्बर 762 मे 6 डिसमिस जमीन राज्यपाल के नाम से शिक्षा विभाग को दान मे कर दिये हैं।
लेकिन प्रशासनिक अफसरों के द्वारा तरैटा विद्यालय को दो किलोमीटर दुर मध्य विद्यालय नगर परिषद क्षेत्र के नारायणपुर गांव मे समाजन कर सिप्ट कर दिये गए हैं। जो सभी बच्चे दो किलोमीटर दुर जा कर पढाई करते है।नगर परिषद क्षेत्र के बच्चे तरैटा गांव के बच्चे जाने पर मारपीट करने पर गांव के बच्चों दो किलोमीटर दुर जाकर पढाई नहीं करना चाहते हैं।इसको लेकर जिला प्रशासन एंव बिहार सरकार को पत्र लिखकर अवगत कराया गया हैं।
लेकिन 6 साल बित जाने के बाबजुद बिहार सरकार एंव जिला प्रशासन द्वारा ध्यान नही दिए जाने पर तरैटा गांव के बच्चे पढाई से वंचित हो रहे हैं।वहीं मिडिया के माध्यम से गांव के बच्चे एंव अभीवक ने गांव मे विद्यालय खोलने कि मांग किये हैं।जिससे बच्चे का पठन-पाठन ठीक ढंग से हो सके। ।इस दौरान तमाम ग्रामीण मौजुद थे।