बिहपुर- बहुप्रतीक्षित एनएच 106 मिसिंग लिंक निर्माण की आधारशिला 21 सितंबर 20 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रखी थी।विश्व बैंक ने 136 किमी लंबे वीरपुर-बिहपुर एनएच-106 के निर्माण का खर्चा 2002 में उठाया था. वीरपुर से फुलौत तक सड़क निर्माण कराने के बाद विश्व बैंक ने अपना हाथ खींच लिया. इस कारण 30 किमी (मिसिंग लिंक बिहपुर से फूलोत ) तक सड़क व पुल निर्माण कार्य रूक गया था.लेकिन एनएच व एनएचआइ को काम मिलने के बाद मुंबई की एफकॉनस कंपनी द्वारा 996करोड़ की लागत बहुत ही तेजी से पुल और सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा हैं।बिहपुर से फूलोत तक कुल 141 पाये का निर्माण हो रहा हैं.अभी 44पाये पर काम चल रहा हैं। लेकिन शनिवार को कोसी नदी पर हरिओ के त्रीमुहान घाट के पास बन रहे 124 नंबर पाया पानी के तेज बहाव में बह गया।कंपनी के प्रोजेक्ट मेनेजर बी के झा ने बताया की कुंआ (पाया )बहा नही हैं कोसी के जलस्तर बढ़ने के साथ -साथ पानी के तेज गति के कारण कुंआ (पाया )झुककर वही पर गिर गया और डूब गया। पुल और सड़क निर्माण का काम तय समय जून 2024 में ही पूरा होगा.ज्ञात हो की पांच जुलाई 2001 को तत्कालीन एनडीए सरकार के भूतल परिवहन राज्य मंत्री भुवन चंद्र खंडुरी की उपस्थिति में भारत सरकार के नागरिक एवं उड्डयन मंत्री सह स्थानीय सांसद शरद यादव ने जिला मुख्यालय के बीपी मंडल चौक पर मार्ग का शिलान्यास किया था. लेकिन केंद्र में एनडीए की सरकार हटते ही यह परियोजना ठंडे बस्ते में चली गयी थी.कोसी नदी पर पुल बन जाने से खासकर किसानों को बड़ी राहत होगी.जो कोसी नदी के मझधार में नाव से 7 किलोमीटर नदी पार कर फुलौत और उदाकिशुनगंज बहियार पहुंचते थे.पुल बन जाने से एक और जहां किसानों को अपनी उपज का वाजिब मूल्य मिलना आसान हो जाएगा.वहीं दूसरी ओर किसान जमीन पर पहुंच कर सुगमता से खेती भी कर सकेंगे है.आजादी के बाद से किसानों के विकास ने कोसी नदी बाधक बनी हुई थी.