0
(0)

ढोलबज्जा: विश्व के तीसरे गरूड़ प्रजनन स्थली में एक नवगछिया प्रखंड के कोसी पार, कदवा के इलाके में अब दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी गरूड़ अपनी आशियाने ढूंढना शुरू कर दिए हैं. कई दिनों से कदवा के ग्रामीण इलाकों व कोसी किनारे गरूड़ को घुमते देखा गया है. ज्ञात हो कि- अक्टूबर से नवंबर महीने में गरूड़ कदवा के विभिन्न गांवों में पहुंच कर लोगों के घर-आंगन व दरबाजे के पीपल, बरगद, शेमल, कदम व अन्य पेड़ों पर घोंसले बना कर अपनी प्रजनन करना शुरू करते हैं. जहां चारे के रूप में वहां के कोसी नदी से मछलियां व किसानों के खेतों से चूहे और सांप का शिकार कर लोगों को सुरक्षा भी देते हैं. इसलिए वहां के लोग गरूड़ को किसान मित्र एवं अपनी परिवार के एक अंग के रूप में मान कर संरक्षण भी देते हैं.

यही कारण है कि वहां हर साल गरूड़ों के संख्या में लगातार वृद्धि होते देखा जा रहा है. गरूड़ एक्सपर्ट जयनंदन मंडल बताते हैं कि- गरूड़ के संरक्षण की मांग सरकार से करीब चौदह वर्ष से किया जा रहा था. जो अब राज्य सरकार ने इसके सुरक्षा व संरक्षण के लिए 53.13 लाख की स्वीकृति दी है, जिसे जयनंदन ने चौदह वर्ष वनवास से लौटने का समय बताते हुए पूरी टीम के साथ अपनी खुशी जाहिर कर राज्य सरकार को बधाई दी है.

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: