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नारायणपुर – प्रखंड के नवटोलिया गांव में मंगलवार को पेरियार ललई सिंह यादव के जन्म दिवस के मौके पर ‘वर्तमान परिस्थिति को साझा करते हुए ललई सिंह यादव के विचार व संघर्ष की विरासत को आगे बढ़ाने की जरूरत’ पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई. मौके पर मुख्य वक्ता सामाजिक न्याय आंदोलन और सोसलिस्ट पार्टी के महासचिव गौतम कुमार प्रीतम ने कहा कि ललई सिंह यादव ने बहुजन विचार व संघर्ष परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शोषितों-वंचितों को ब्रह्मणवादी मूल्यों-मान्यताओं, अज्ञानता-अंधविश्वास, जातिवाद की जकड़नों से मुक्त कराने और स्वाभिमान-सम्मान व अधिकार की भावना से लैस करने का काम जीवनपर्यंत किया.

उनका साफ मानना था कि बहुजनों की मुक्ति का मार्ग धर्मशास्त्र व मंदिर नहीं है. बल्कि उच्च शिक्षा,व्यवसाय-रोजगार व उच्च आचरण-नैतिकता से आगे बढ़ा जा सकता है. ललई सिंह यादव ने बहुजनों का आह्वान करते हुए कहा था-धर्मग्रंथों का अखंड पाठ करने, यज्ञों में आहुति देने व मंदिरों में माथा टेकने से तुम्हारी दासता दूर नहीं होगी. भाग्य व ईश्वर के भरोसे मत रहो, तुम्हें अपना उद्धार खुद करना होगा. वहीं बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन नवगछिया के संयोजक अनुपम आशीष और संतोष यादव ने कहा कि बिहार-यूपी जैसे राज्यों में बहुजन राजनीतिक पार्टियों का पतन व भटकाव का महत्वपूर्ण कारण है कि इन पार्टियों ने अपने वैचारिक जड़ों से रिश्ता तोड़ लिया,अपने नायकों को भुला दिया.

कहा कि वर्तमान वर्तमान में भाजपा के नेतृत्व में जारी मनुवादी हमले का मुकाबला करने के लिए हमें बहुजन नायकों के विचारों से रौशनी लेनी होगी,उनके संघर्षों की विरासत को बुलंद करना होगा.की
अध्यक्षता कर रहे ट्यूटर संजीव यादव ने कहा कि ललई सिंह यादव ब्रह्मणवाद विरोधी विद्रोही चेतना के प्रतीक हैं.उन्होंने त्याग व प्रतिबद्धता की मिसाल कायम की. संचालन कर रहे अंशुमान राज ने कहा कि ललई सिंह यादव बहुजनों की एकजुटता-जागरण व परिवर्तन के रास्ते जाति उन्मूलन के लिए संघर्ष कर रहे थे.मौके पर गौरव कुमार, दीपक  पासवान,बाल्मीकि प्रसाद,ऋतुराज , राहुल सहित कई वक्ता ने अपने संबोधन में प्रकाश डाला.

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