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इंग्लैंड की शिक्षिका रेबिका इंग्लैंड में रह रहे भारतीय मूल के लोगों से सुनी थी 110 किलोमीटर पैदल सबसे बड़े चलंत श्रावणी मेला कांवर यात्रा के बारे में

भागलपुर/निभाष मोदी

भागलपुर के सुलतानगंज मे सावन के पावन महीना में यु तो देश के कई हिस्सों सहित पड़ोसी देश नेपाल, भूटान से श्रद्धालू सुल्तानगंज के अजगैवीनाथ धाम के गंगा घाट से जल भर कर देवघर भगवान भोलेनाथ को जल अर्पण करने जाते हैं. लेकिन इस सावन सात समंदर पार कर भगवान महादेव शिव कि महिमा से रूबरू होने इंग्लैंड से रेबीका सुल्तानगंज पहुंची. रेबीका इंग्लैंड में एक टीचर है. रेबीका इंग्लैंड में रह रहे भारतीय से 110 किलोमीटर पैदल कांवर यात्रा के बारे सुनी थी. तब रेबीका को इस पैदल यात्रा को करीब से देखने कि उत्सुकता हुई.

जिसके बाद से वह सुल्तानगंज आने कि ठान ली. पैदल कांवर यात्रा देखने के लिए रेबीका ने भागलपुर के पनसल्ला निवासी उत्सव से शादी रचा ली. उत्सव कई सालों से इंग्लैंड में नौकरी करता है. रेबीका को पता था कि पैदल कांवर यात्रा सावन के पावन माह मे शुरू होती है. और फिर सावन माह आने से पहले ही रेबीका अपने पति उत्सव को सुल्तानगंज ले जाने कि जिद करने लगी. जिसके बाद उत्सव रेबीका को लेकर सुल्तानगंज पहुंचा. सुल्तानगंज में श्रद्धालुओं में भगवान भोलेनाथ के प्रति श्रद्धा देख अचंभित हुई.

इस दौरान रेबीका सुल्तानगंज के अजगैवी गंगा घाट परशिव के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए माँ गंगे को प्रणाम कर सिर पर गंगा जल छीड़कर आशीर्वाद लिया. वहीं उत्सव ने बताया कि रेबीका हिन्दू धर्म और भगवान भोलेनाथ के प्रति लोगों कि श्रद्धा देख काफ़ी प्रभावित है. और बार बार पैदल कांवर यात्रा को नजदीक से देखने कि जिद करती थी जिसके बाद से मुझे रेबीका को सुल्तानगंज लाना पडा. इस खबर का जायजा लिया हमारे संवाददाता निभाष मोदी ने।

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