खरीक प्रखंड के सिहकुंड आजाद नगर में प्रसव कराने जा रही एक प्रसूता महिला ने आखिरकार रास्ते में एक बच्ची को जन्म दिया. मौजूद महिलाओं ने मिलकर रास्ते पर महिला का प्रसव कराया.प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा को बड़ी मुश्किल से ग्रामीणों ने नाव पर लादकर कोसी पार कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खरीक पहुंचाया.
महिला का पति विकास मेहरा की पत्नी अनू कुमारी को अचानक पेन शुरू हो गया दर्द अत्यधिक होने पर से सिहकुंड में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं होने की स्थिति में महिला को चार लोगों ने खाट पर लादकर तकरीबन 2 किलोमीटर पैदल चलकर कोसी घाट तक पहुंचाने का कोशिश ही कर रहे थे कि रास्ते में महिला दर्द से तड़पने लगी.
लोगों ने खाट को नीचे रख दिया.साथ आ रही महिलाओं ने छाते और साड़ियों का पर्दा बनाकर खुले आसमान के नीचे प्रसूता महिला का प्रसव कराया. महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया जिसे सुरक्षित बताया जा रहा है.
विकास सिंह उर्फ विकास मेहरा ने बताया कि जन्म के बाद जच्चा और बच्चा सुरक्षित है. दर्द से कराह रही प्रसव पीड़ा की मुश्किल अवस्था में जूझ रही पत्नी ने बच्ची को जन्म दिया जो ठीक है गांव में प्रसाद की कोई व्यवस्था नहीं है बड़ी मुश्किल से चार लोग मिलकर एक खाट पर महिला को लिटा कर घाट की ओर चले लेकिन दुर्भाग्यवश रास्ते में प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला का दर्द तेज हो गया और पत्नी ने बच्ची को जन्म दिया. जच्चा और बच्चा को को ग्रामीणों की मदद से अस्पताल पहुंचाया.अस्पताल में जच्चा बच्चा का इलाज चल रहा है.इस संदर्भ में पूछे जाने पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नीरज कुमार ने बताया कि जच्चा और बच्चा सुरक्षित है.प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खरीक में इलाज चल रहा है.