भागलपुर : विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही कई नौकरीपेशा भी टिकट की दावेदारी करने लगे हैं। आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी टिकट के लिए पटना से लेकर दिल्ली तक का चक्कर लगा रहे हैं। एक महिला अधिकारी नगर विकास विभाग की नौकरी छोड़कर टिकट की दौड़ में लग गई हैं। वह प्रदेश से लेकर केंद्र तक भाजपा के कद्दावर नेताओं से मिल चुकी हैं। वह भागलपुर या नाथनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩा चाह रही हैं। उन्होंने क्षेत्र भ्रमण भी शुरू कर दिया है।
विश्व हिंदू परिषद में विभाग स्तरीय दायित्व निभा रहे एक युवा नेता रेलवे में नौकरी कर रहे हैं। पूर्व में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए थे। उन्होंने आरएसएस का भी दायित्व निभाया है। रेलवे में नौकरी के पूर्व वे विद्यार्थी परिषद से जुड़े थे। वे भागलपुर विधानसभा से टिकट प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विहिप और भाजपा के नेताओं के वे संपर्क में हैं। उनका कहना है कि टिकट मिली तो नौकरी छोड़ देंगे। उनके लिए समाजसेवा सर्वोपरि है। उन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव व इससे पहले भागलपुर में हुए उपचुनाव के लिए भी टिकट प्राप्त करने की बहुत कोशिश की थी।
काडा में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत इंजीनियर पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। इनकी पत्नी जिला परिषद सदस्य रह चुकी हैं और भाजपा से जुड़ी हैं। इंजीनियर साहब भाजपा का टिकट मिलने पर काडा की नौकरी छोड़ देंगे। वह भी दिल्ली और पटना का चक्कर लगा रहे हैं। एक स्कूल के संचालक भी भागलपुर से टिकट की दावेदारी पेश कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान लगातार समाजसेवा कर रहे हैं। एक सरकारी कर्मचारी के पुत्र भी टिकट को लेकर प्रयासरत हैं। एक मंत्री के पुत्र नौकरी छोड़कर समाजसेवा से जुड़ गए हैं। उन्हें पिछली बार टिकट मिला था, लेकिन वे हार गए थे। इस बार भी वे लगातार समाजसेवा में जुटे हैं। कोरोना काल में लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं। ऐसे और भी कई लोग हैं, जो चुनाव लडऩे के लिए नौकरी छोडऩे को तैयार हैं।