मंदिर का इतिहास सौ वर्ष पुराना
2 अगस्त को होगा भव्य मेले का आयोजन
लवकुश उर्फ बंटी सिंह
बिहपुर – बिहपुर दक्षिण पंचायत के सोनवर्षा गांव स्थित बड़ी भगवती मंदिर का इतिहास करीब सौ वर्ष पुराना है .मंदिर कमिटी के अध्यक्ष जगदीश ईश्वर व सचिव जीवन चौधरी बताते है की गांव जब दियारे मेंं बसा था. उसी समय से गांव मेंं मंदिर था.गांव गंगा मेंं कटने के बाद यहां पर आकर बस गया.उसके बाद मंदिर को यहां पर फूस का बनाया गया.बाद में ग्रामीणों के सहयोग से पक्का मंदिर का निर्माण करवाया गया.वहीं और बताते है की इस मंदिर के प्रति इलाके के लोगों को बड़ा ही आस्था है।
मंदिर मेंं सर्प के काटे हुए लोगों को जीवन दान मिलता है.जो भी आदमी सच्चे मन से मैया के दरवार मेंं आकर मैया के चरण मेंं रखे निर पी लेता है. कितनी भी विषैला सर्प क्यों ना काटा हो जहर बेअसर हो जाता है .मंदिर के पुजारी राधाकांत झा बताते है की सावन माह के शुल्क पक्ष के दिन यहां बड़े ही धूम धाम से मेला लगता है .वहीं मैया जिसका मनोकामना पुरा करते है. यहां पर नागपंचमी के दिन पाठा का बलि देता है
.नागपंचमी के दिन करीब 500 पाठे का बलि पडता है .उसी दिन मंदिर मे कई परिवार बच्चे का मुंडन करवाने आते है .2 अगस्त को यहां भव्य मेले का आयोजन होगा .वहीं मेले के मौके पर ग्रामीण एवं कमिटी के सदस्यों प्रवीण उर्फ फोर्ड , राजेश चौधरी, त्रिवेणी कुमार, रामानुज कुंवर , चंद्रकांत चौधरी , सत्यम कुमार,गौरव कुमार , मनोज कुंवर , वेदानन्द चौधरी, नवीन कुंवर , योगेंद्र कुंवर समेत नये एवं पुराने पंचायत प्रतिनिधियों की सक्रिय भूमिका रहती हैं.