नवगछिया – सामाजिक न्याय आंदोलन, बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के संयुक्त बैनर तले राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस के मौके पर मंगलवार को नवगछिया के बिहारी धर्मशाला में बहुजन दावेदारी सम्मेलन आयोजित हुआ. इस मौके पर चर्चित बहुजन बुद्धिजीवी डॉ विलक्षण रविदास ने कहा कि वर्ण-जाति के आधार पर बहुजन अन्याय व वंचना के शिकार हुए हैं और अभी भी वह जारी है. इस अन्याय व वंचना को खत्म करने का सवाल ही सामाजिक न्याय का सवाल है.
उन्होंने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद सामाजिक न्याय पर हमलों और सामाजिक न्याय के मोर्चे पर हासिल उपलब्धिओं को खत्म करने का नया दौर शुरु हुआ है. पटना से आए बहुजन चिंतक ई हरिकेश्वर राम ने कहा कि आज का दिन सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करने वाले नायकों और अपने संघर्ष के इतिहास से प्रेरणा लेकर संघर्ष की विरासत को बुलंद करते हुए सामाजिक न्याय के मोर्चे पर हासिल उपलब्धियों को बचाने और सामाजिक न्याय का दायरा जीवन के तमाम क्षेत्रों और व्यवस्था के सभी अंगों में विस्तृत करने का संकल्प लेने के लिए है.
सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के गौतम कुमार प्रीतम ने कहा कि 26 जुलाई 1902 भारत के इतिहास में वह दिन है जब बीसवीं सदी में भारत में सामाजिक न्याय की औपचारिक शुरुआत हुई थी. आधुनिक आरक्षण व्यवस्था की शुरूआत शाहूजी महाराज ने 1902 में की थी. उन्होंने 26 जुलाई को ही सरकारी आदेश निकालकर अपनी रियासत के 50 प्रतिशत प्रशासनिक पदों को दलितों-आदिवासियों व पिछड़ों के लिए आरक्षित किया था.इसलिए आज के दिन को हम राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाते हैं.
सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के रिंकु यादव ने कहा कि अडानी-अंबानी की संपत्ति बढ़ रही है तो गरीबी रेखा से नीचे की तादाद बढ़ रही है. इस मौके पर बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच के प्रभारी अजय कुमार राम और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के सचिव अनुपम आशीष ने कहा कि केन्द्र सरकार मुल्क की आजादी को गिरवी रख रही है. इस मौके फुले-अंबेडकर युवा मंच के अखिलेश रमण और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के पांडव शर्मा ने कहा कि पहले से ही बदहाल-बर्बाद सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर नई शिक्षा नीति-2020 के जरिए अधिकतम हमला बोल दिया गया है. सम्मेलन की अध्यक्षता पूर्व मुखिया रवीन्द्र कुमार दास और संचालन नसीब रविदास और गौतम कुमार प्रीतम ने की. अन्य वक्ताओं में थे-दीपक दीवान, सुबोध कुमार दास, प्रभाष पासवान, दीपक पासवान, राजेन्द्र पासवान, निर्भय कुमार, अमित, ऋतु राज मौजूद थे.