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-मनुष्य का कर्म ही सबसे बड़ा पूजा है—- सरल संत दयालु जी महाराज 

गोपालपुर:- गोपालपुर प्रखंड के डुमरिया में पिछले 1 अगस्त से चल रहे दस दिवसीय भागवत कथा के दौरान ज्ञान की गंगा बह रही है भगवत कथा के चौथे दिन प्रवचन करते हुए सरल संत दयालु जी महाराज ने कहा कि मनुष्य का कर्म ही सबसे बड़ा पूजा है अच्छे कर्मों से ही भगवान खुश होते हैं संसार में सत्कर्म के जरिए ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है आगे उन्होंने कहा कि महाभारत काल के दौरान वासुदेव श्री कृष्ण ने सत्य की विजय के लिए सारथी का रूप धारण किया था युद्ध के दौरान जब अर्जुन ने संसार के माया मोह में फंस कर अपने सभी अस्त्र शस्त्र त्याग कर युद्ध करने से.

इनकार कर दिया तो उन्होंने गीता का उपदेश देकर सृष्टि के वास्तविक रूप का दर्शन कराया।साथ ही उन्होंने कहा कि इस कली काल में  मानव धर्म एवं  सत्कर्म से भटक कर अनैतिक कार्य  और गलत मार्ग पर चल रहा है।दुनिया में  भारत की पहचान एक धार्मिक एवं सहिष्णु  देश के रूप में है।शायद भारतवर्ष दुनिया के पैमाने पर इकलौता देश है जहां आदिकाल से लेकर इस आधुनिक युग तक अनेक ॠषि मुनियों ने जन्म लिया है।

हमारा देश कृष्ण,राम, बुद्ध ,महावीर   कबीर, गांधी की धरती रही है।हमें इन महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलना चाहिए तभी हमारा मानव जीवन सार्थक होगा। कथा प्रवचन के दौरान सैकड़ों महिला पुरुष श्रोताओं ने वृन्दावन धाम से आए हुए सरल संत दयालु जी महाराज के अमृतमय वचनों के ज्ञान गंगा में डुबकी लगाया।  कार्यक्रम को सफल बनाने में बम-बम महादेव, रामप्रसाद मंडल ,डाँक्टर संजय मंडल,बीरेन्द्र कुमार,गिरधारी मंडल संजय रविदास,रघुवर शर्मा, शंकर मंडल,शिक्षक उत्तम मंडल,सहेन्दर मुंशी आदि कार्यकर्ता लगे हुए हैं।   

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