बिहार में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं को क्रियान्वित करने वाली आशा कार्यकर्ता को मास्क व ग्लब्स दिये जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग आशा कार्यकर्ताओं को मास्क व ग्लब्स देने पर विचार कर रहा है।
बिहार स्वास्थ्य सेवा एवं आधारभूत संरचना निगम बीएमएसआईसीएल) के माध्यम से मास्क व ग्लब्स की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए निगम के माध्यम से ही इनकी खरीद होगी। राज्य में करीब 90 हजार आशा कार्यकर्ता हैं।
स्वास्थ्य संबंधी निगरानी और सेवाएं मुहैया कराती हैं
आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं मुहैया कराती हैं। साथ ही इनकी निगरानी भी करती हैं। कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए अप्रैल- मई में इन्हें प्रवासियों की पहचान के लिए लगाया गया था। इसके बाद इन्हें घर-घर संक्रमित व्यक्तियों के सर्वे में भी लगाया गया था। बाद में क्वारंटाइन सेंटर से घर लौटे लक्षणात्मक मरीजों की पहचान के कार्य भी सौंपे गए थे। इसके अतिरिक्त आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की जांच कराने, बच्चों का टीकाकरण भी कराया जाता है।
भासा ने भी आशा को मास्क देने की मांग की
दूसरी ओर, बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ (भासा) ने भी स्वास्थ्य विभाग से आशा कार्यकर्ता को मास्क व ग्लब्स देने की अपील की है। संघ के महासचिव डॉ. रणजीत कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भ्रमण के बाद प्राथमिक चिकित्सा केंद्र आने वाली आशा कार्यकर्ताओं को कोरोना के संक्रमण से बचाना बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य व्यवस्था की वह आधार हैं। पहले अस्पताल की ओर से उन्हें मास्क उपलब्ध कराया जाता था, लेकिन विभाग द्वारा उन्हें मास्क व ग्लब्स दिए जाने से उनका उत्साहवर्धन होगा और संक्रमण से बचाव होगा।