भागलपुर /निवास मोदी
भागलपुर।अंग प्रदेश की लोक गाथा बिहुला विषहरी अपने आप में एक अलग स्थान रखता है ,अंग जनपदीय धरोहर की लोक गाथा से जुड़ी लोक कला मंजूषा कई बिंदुओं पर भागलपुर की पहचान दिखाता है । अंग प्रदेश के लोक गाथा पर आधारित बाला बिहुला विषहरी पूजा पहले वर्ग विशेष का हुआ करता था धीरे-धीरे पारंपरिक तरीके से होने वाली पूजा और लोक गाथा का.
महत्व बढ़ने लगा और लोगों की श्रद्धा भक्ति भी कुछ क्षेत्रों में होने वाली पूजा अलग-अलग तरीके से शहर में अधिकतर मोहल्ला में प्रतिमा स्थापित करके पूजा होने लगी । इस पूजा अर्चना में मंजूषा बनाकर बिहुला और बाला को नदी में प्रवाह किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस कहानी में भी ऐसा ही कुछ हुआ था और बिहुला स्वर्ग लोक से अपने पति बाला के प्राण को जिंदा कर आई थी तभी से यह मंजूषा काफी प्रचलित है। आज भागलपुर के चंपानगर में कई घरों में इसे बनाया जाता है और पूजन के लिए उसे व्यवहार में लाया जाता है।