नवगछिया – बिहपुर विधानसभा के विधायक ई कुमार शैलेन्द्र ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि अभी तक छठे चरण की शिक्षक भर्ती हुई है हुई है जिसमें 94000 पदों पर बहाली होनी थी, लेकिन केवल 42000 पदों पर नियुक्ति हो पाई 50,000 से ज्यादा पद खाली रह गए हैं पिछली सरकार के शिक्षा मंत्री माननीय विजय चौधरी जी ने जुलाई में सातवें चरण की भर्ती का आश्वासन दिया
लेकिन जुलाई में जब भर्ती पर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो 1 अगस्त को अभ्यर्थी धरना पर बैठ गए. इस बीच लगातार अभ्यर्थी धरना देते रहे, अभ्यर्थियों ने नए शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर जी से संपर्क किया लेकिन शिक्षा मंत्री जी से जब मिलने जाते हैं. तो वह अभ्यर्थी को बिल्कुल दांत कर भगा देते या तो उन्हें कहते कि फोटो खिंचवा लो और राजनीति करो.
जब अभ्यर्थी समझ गए कि उनकी बात नहीं सुनी जाएगी तो इस बात सरकार को ध्यान आकृष्ट कराने के लिए राजभवन तक मार्च पर निकल गए. मगर डाक बंगला पहुंचते ही महागठबंधन सरकार के अधिकारी एडीएम ने लाठी डंडे से उन्हें मारना चालू कर दिया. विधायक ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद को रोजगार एवं शिक्षक हित के बातों पर ही बिहार की जनता ने उतनी सीटों पर विजय दी थी. वहीं राजद के मंत्री एवं अधिकारी ने काफी बर्बरता पूर्ण से लाठीचार्ज किया. यहां तक कि जब एक अभ्यर्थी भारत की शान राष्ट्रीय ध्वज अपने सीने से लगाए हुए थे उन्हें भी इन अधिकारियों ने डंडे से मार कर घायल कर दिया.
तेजस्वी यादव ने विधानसभा चुनाव 2020 में जनता से वादा किया था कि उनकी पहली कैबिनेट बैठक में वह पहले दस्तखत से 1000000 नौकरी देंगे कहां गया उनका वादा ? सातवें चरण की शिक्षक अभ्यर्थी के लिए 150000 रिक्तियां हैं और यह लोग तो केवल 120000 हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद श्री सुशील मोदी जी ने शिक्षा मंत्री को ठीक ही कहा कि कारतूस चलाने वाले को कलम दे दिया है तो आज उनका कहा वह बात सत्य साबित हुआ. विधायक ने कहा कि तेजस्वी यादव अभी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ बाते कह रहे थे कि कुछ बातें प्रोटोकॉल में की जाती है, उनका सीधा हमला नीतीश कुमार पर था, सत्ता में नीतीश कुमार से ज्यादा पावर अभी तेजस्वी यादव के पास है और उन्होंने कहा कि बहुत जल्द कुछ अच्छा सुनने को मिलेगा, जनता सब समझ रही है.