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भागलपुर: एमसीआई ने बिहार के भागलपुर स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की 100 में से बची 50 अस्थायी सीटों की स्थायी मान्यता दे दी है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हेमंत कुमार सिन्हा ने बताया कि साल 2012 तक कॉलेज में 50 स्थायी सीट पर ही एमबीबीएस की पढ़ाई होती थी।

 साल 2013 में एमबीबीएस में सीटों की संख्या बढ़ाकर 100 कर दी गयी, जिनमें 50 स्थायी और 50 सीट अस्थायी थी। साथ ही एमसीआई ने कॉलेज के समक्ष यह शर्त रखी कि जल्द से जल्द  कॉलेज एमबीबीएस की 100 सीटों के सापेक्ष जरूरी मानकों पर अपने को खरा उतार लेगा। तबसे लगातार कॉलेज प्रयास करता रहा लेकिन कॉलेज में एमबीबीएस की 50 अस्थायी सीटों को स्थायी सीट की मान्यता एमसीआई से नहीं मिल सकी। 

प्राचार्य डॉ. सिन्हा ने बताया कि सोमवार को एमसीआई से पत्र आया कि एमबीबीएस में बची 50 अस्थायी सीट को स्थायी मान्यता प्रदान की जाती है। इसके साथ एमबीबीएस में उपलब्ध सभी 100 सीटों को स्थायी मान्यता मिल गयी है।

एमबीबीएस में बची 50 अस्थायी सीटों को स्थायी में बदलने के लिए जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज साल 2013 से लेकर साल 2012 के बीच एक-दो बार नहीं बल्कि 13 बार एमसीआई की परीक्षा में शामिल हुआ। 12 बार फेल होने के बाद कॉलेज ने अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया। 2013 से 2020 तक 13 बार हुए एमसीआई के निरीक्षण में 12 बार कॉलेज को बची 50 सीट की स्थायी मान्यता न मिलने का प्रमुख कारण फैकल्टी की कमी, एमआरआई जांच, सिटी स्कैन जांच की सुविधा का न होना, विस्तृत सेंट्रल लाइब्रेरी, फिजियोलॉजी, माइक्रोबॉयोलॉजी व एनाटॉमी विभाग का न होना था।

 दो साल पहले तक सारी कमियां दूर कर ली गयीं लेकिन फैकल्टी की कमी 19 प्रतिशत रह गयी। लेकिन बीते साल करीब एक दर्जन नियुक्तियों ने इस कमी को दस प्रतिशत के नीचे ला दिया। इससे इस साल हुए निरीक्षण में एमसीआई ने कॉलेज को मानक के आधार पर होना करार दिया। अब इस कॉलेज में एमबीबीएस में 100 स्थायी सीटों पर अगले पांच साल यानी 2025 तक पढ़ाई होगी। 

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