भागलपुर/ निभाष मोदी
सीटीएस मैदान में 40 फीट के रावण, 35 फीट के कुंभकरण और 30 फीट लंबे मेघनाथ का हुआ पुतला दहन, हजारों की संख्या में लोग से उपस्थित
भागलपुर, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा के अवसर पर रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले को भागलपुर नाथनगर के सीटीएस मैदान में जलाया गया, नवमी पूजा के दिन हुए बारिश के चलते पूरा मेला अस्त व्यस्त हो गया था परंतु आज मौसम ठीक रहने से हजारों की संख्या में लोग रावण दहन कार्यक्रम में इकट्ठा हुए , इस बार रावण दहन कार्यक्रम में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा गया है, रावण के पुतले में बम पटाखा नहीं लगाए गए थे ,
गोलदारपट्टी स्थित रामलीला समिति ने रावण वध कार्यक्रम को लेकर आतिशबाजी की अनुमति मांगी थी परंतु एसडीओ धनंजय कुमार ने इस बार आतिशबाजी की अनुमति नहीं दी, कुछ महीने पहले काजबलीचक बम धमाके के बाद एहतियात बरतने हेतु आतिशबाजी की अनुमति नहीं दी गई,
बता दें कि भागलपुर में दुर्गापूजा पर रावण वध की परंपरा दशकों से होती आ रही है, भागलपुर व भागलपुर के आसपास के कई गांव के लोगों को रावण दहन कार्यक्रम को देखने का इंतजार रहता है , कई गांव के हजारों लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
कोरोना काल के चलते 2 साल से यह कार्यक्रम नहीं हो पाया था इस बार नाथनगर के सीटीएस मैदान में रावण दहन कार्यक्रम में करीब 50 से 60 हजार लोगों की भीड़ जुटी। प्रशासन की ओर से पूरे सीटीएस मैदान में सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी लगाकर मॉनिटरिंग की जा रही थी साथ ही चप्पे-चप्पे पर प्रशासन की मुस्तैदी विशेष तौर पर की गई थी ,
इस बार रावण के पुतले को बनाने में भागलपुर हसनगंज के कारीगर मथुरा ने अपने साथियों के साथ मिलकर कार्य को अंतिम रूप दिया था, कारीगरों ने बताया कि रावण मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले को बनाने में कपड़ा, सुतली , कांटी और बाँसों का उपयोग किया गया है, इस बार रावण के पुतले में किसी तरह की आतिशबाजी के पटाखे नहीं लगाए गए हैं, इसे तैयार करने में लगभग एक लाख रुपये का खर्च आया है ,
आज विजयादशमी को रावण दहन भागलपुर जिला के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन और वरीय पुलिस अधीक्षक बाबूराम के द्वारा की गई, इस बार 40 फीट का रावन ,35 फीट का कुंभकरण और 30 फीट का मेघनाथ का पुतला बनाया गया है।