भागलपुर/ निभाष मोदी
गंगा जमुनी तहजीब के तहत मजार सबसे पहले चादर पोशी करते हिंदू भाई
भागलपुर,तू एक था मेरे अशआर में हजार हुआ इसी चिराग से कितने किराक जल उठे वाक्य सचमुच चरितार्थ करते दिख रहा है भागलपुर के एक मजार पर बताते चलें कि गंगा जमुनी तहजीब का जीता जागता नमूना एक मजार पर देखने को मिल रहा है यहां सबसे पहले चादर पोशी हिंदुओं के तरफ से की जाती है और इससे दरगाह की खासियत है लोग यहां हनुमान चालीसा दुर्गा पाठ भी करते हैं
और कुरान भी पढ़ा जाता है एकता का मिसाल कायम करता हुआ यह दरगाह अपने आप में अनूठा है भागलपुर व भागलपुर के आसपास के क्षेत्रों के हजारों लोग यहां अपनी दुआओं के लिए आते हैं और उनकी दुआएं कबूल भी होती हैं। ईद ईद मिलाद उल नबी अल्लाह अल्लाह हू अकबर राखी इन कमिटी मेहंदी साहब अनजान साहब के द्वारा चादर पोशी की गई जिसमें सैकड़ों हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई शरीक हुए वहीं समाजसेवी विजय यादव ने कहा मैं यहां आकर काफी खुश हूं और मुझे उम्मीद है मेरी भी मन्नते पूरी होगी।