बिहपुर – नारायणपुर प्रखंड के नवटोलिया गाँव के सैकड़ों ग्रामीणों ने शुक्रवार को गाँव स्थित दक्षिणेश्वरी काली मंदिर परिसर में प्रतिवर्ष मंदिर में श्रद्धालुओं से चढ़ावे के रूप में मिलने वाली लाखों रुपये की राशि का हिसाब के लिए और मंदिर में व्याप्त कुव्यवस्था के विरोध में मंदिर के समक्ष ही सड़क पर धरना पर बैठ गए और धर्म की आड़ में अपनी दुकान चलाने वाले लालची, पाखंडियों के विरोध मे नारे लगाना शुरू कर दिए। ग्रामीणों ने बताया कि काली मंदिर में सेवायत और कुंदन मिश्र की मनमानी चलती है. जिसपर रोक लगाने वाला कोई नही है। मंदिर में प्रतिवर्ष 10 लाख से अधिक नकद और लाखों के जेवरात का चढ़ावा आता है लेकिन उस चढ़ावे के रूप में मिले कडोडो रूपीए का क्या हुआ और कहां गया ये कोई नही जानता है.जबकि सेवायत और कुंदन ने कभी मंदिर विकास में एक इंट तक खरीदकर नही दिया है. मंदिर का निर्माण 1993 ई में इलाके भर के ग्रामीणों से चंदा इकट्ठा कर किया गया है। इससे पूर्व यह मंदिर फूंस का बना था.मंदिर का इतिहास सशस्त्र वर्ष पुराना है.
वर्ष 1993 ई में नए मंदिर का निर्माण होते ही नवटोलिया के वरिष्ठ समाजसेवी संजय चौधरी सेठ जी को मंदिर कमिटी का सचिव चुना गया.इस बीच संजय सेठ ने ग्रामीणों के सहयोग से पिंडी पर काली माँ के साथ दो सहभागिनो की पत्थर की भव्य तीन प्रतिमा लाखों रूपीए में तामिलनाडु से मंगवाकर स्थापित कराया. संजय सेठ प्रतिदिन मंदिर पहुंचकर माँ की उस प्रतिमा का पूजा करते हैं.ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर बनने के साथ ही सेवादल समिति मंदिर कमिटी का गठन किया गया था लेकिन वर्ष 2003 में पूर्व का सेवादल समिति सिर्फ इसीलिए भंग हो गया क्योकि उस वक्त भी मंदिर की हालात वर्तमान स्थिति जैसी ही थी.उस वक्त भी सेवायत और कुंदन के परिवार वाले मंदिर कमिटी का बेवजह विरोध कर आपस में अकारण विवाद उत्पन्न कर गाँव का माहौल बिगाड़ने का प्रयास करता था और वही आज भी उनलोगों के द्वारा किया जा रहा है .जबकि मंदिर कमिटी पूरी तरह सही है और दो वर्ष का हिसाब कमिटी द्वारा किसी को भी देने में पूर्ण सक्षम है.लेकिन वर्ष 2003 से सितम्बर 2020 तक और उससे पहले मंदिर में प्रतिवर्ष मिले लाखों रूपीए के हिसाब से कडोडो रूपीए कहाँ गया इसकी जानकारी सेवायत और कुंदन मिश्र किसी को नही दे रहा है.
वही वर्ष 2020 सितम्बर में नए कमिटी के गठन होने के बाद से ही सेवायत और कुंदन द्वारा अकारण विरोध किया जाने लगा।इनलोगो का कहना है मेरे अँगने में तुनहारा क्या काम है? इसे लेकर कमिटी के द्वारा सीओ से लेकर मुख्यमंत्री तक को आवेदन देकर मंदिर के हालात से अवगत कराया है.बताया की जब कमिटी के लोग इस समस्या को लेकर बीडीओ और सीओ के पास गए तो दोनो पदाधिकारी ने कमिटी को अबैध संगठन बताकर कमिटी को छोड़ देने को कहा. जिसके बाद कमिटी के माध्यम से यह बात ग्रामीणों में फैली औऱ ग्रामीणों ने धैर्य खोकर अंत मे मंदिर के सामने धरना पर बैठे गए. इस दौरान भागलपुर डीएम और एसडीओ को बुलाने की मांग ग्रामीण कर रहे थे। धरना के कारण एक घँटे तक नारायणपुर-सलारपुर 14 नम्बर सड़क जाम रही.सड़क के दोनो ओर छोटी-बड़ी वाहनों की लंबी कतार लग गई.सूचना मिलते ही भवानीपुर ओपी के एएसआई मुकेश कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को बहुत समझाने के बाद उनकी मांग को जायज बताते हुए और सीओ से फोन पर समाधान करने की बात पर लोग माने और धरना को समाप्त किया गया. भवानीपुर ओपीध्यक्ष रमेश कुमार ने सभी लोगों से आगामी त्यौहार काली पूजा, दीपावली, छठ पूजा मनाने की अपील की है.