बिहार के छह जिलों में मंगलवार को वज्रपात से 19 लोगों की मौत हो गई। सीएम नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं। सीएम ने मृतक के परिजनों को शीघ्र चार-चार अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया है।
राज्य के कई इलाकों में मंगलवार को ठनका (वज्रपात) फिर काल बनकर आया। कैमूर और भोजपुर में तीन-तीन तथा अररिया, गोपालगंज, सासाराम में दो-दो लोगों की मौत हो गई। पटना, सुपौल, जमुई, खगड़िया, बेगूसराय, कटिहार और बक्सर में एक-एक व्यक्ति ठनके का शिकार बन गए। कई पशुओं के भी झुलसने की सूचना है।
पटना के पालीगंज में 17 वर्षीय सन्नी ने ठनके की चपेट में आने से दम तोड़ दिया। अररिया के फारबिसगंज में सुबह दूध व्यवसायी सदरुल (35) ठनका की चपेट में आ गया। लोगों ने अस्पताल पहुंचाया लेकिन तब तक मौत हो चुकी थी। अररिया में ही एक और व्यक्ति की मौत हो गई। खगड़िया के अलौली में 75 वर्षीय लखन यादव की मौत हो गई। कटिहार के फलका थाना क्षेत्र में एक महिला की जान चली गई। बेगूसराय के डंडारी में भी एक महिला की मौत गई। गोपालगंज में धरहरा गांव के पास वज्रपात से दो बच्चों की मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से झुलस गया। बक्सर के निमेज गांव के 45 वर्षीय किसान सरल मल्लाह ने दम तोड़ दिया। सासाराम के चेनारी में दो लोग काल कवलित हो गए।
इससे पहले सोमवार को राज्य के उत्तर-पूर्वी भाग में एक दो जगहों पर पिछले 24 घंटों में भारी बारिश दर्ज की गई। देर रात से ही मौसम में यह बदलाव रहा। बादलों के गर्जन के बीच मूसलाधार बारिश हुई, जिससे जनजीवन पर असर पड़ा है।
पूर्णिया में राज्य भर में सबसे ज्यादा 100 मिमी बारिश हुई जबकि डेंगराघाट में 90 मिमी, फारबिसगंज 80 मिमी, कटिहार उत्तर 70 मिमी, गोपालगंज में 60, चनपटिया में 60 और मोतिहारी में 50 मिमी बारिश हुई।