नवगछिया – अनुमंडल के रंगरा सहायक थाना क्षेत्र के सधोपुर रिंग बांध से लगभग 500 मीटर की दूरी पर गांव के ही 62 वर्षीय वृद्ध सुरेश मंडल का शव बरामद किया गया है. ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर दल बल के साथ पहुंचे रंगरा थाना के थनाध्यक्ष माहताब खान ने शव का पोस्टमार्टम नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में करवा कर परिजनों को सौंप दिया है. सुरेश मंडल के सर पर गहरे जख्म के निशान हैं. जिसके आधार पर पुलिस ने अनुमान लगाया है कि हत्यारों ने सुरेश मंडल के सर पर लगातार प्रहार कर और गले मे गमछा कस कर उसकी हत्या कर दी है.
घटना स्थल से पुलिस ने मृतक का एक टॉर्च, चप्पल और एक फटा अंदर वियर बरामद किया है. मृतक के परिजनों का कहना है उक्त अंडरवियर मृतक का नहीं है. हत्या के सटीक कारणों खबर लिखे जाने तक अज्ञात था. बड़ी संख्या में सधोपुर के ग्रामीणों और मृतक के पुत्र ने बताया कि सुरेश मंडल की किसी से दुश्मनी नहीं थी, वह शांतिप्रिय व्यक्ति था. उसकी हत्या क्यों कर दी गयी, यह समझ से परे है. घटना स्थल पर पुलिस की फोरेंसिक टीम ने कई तरह के साक्ष्यों को एकत्रित किया है, जिसका परीक्षण विधि विज्ञान प्रयोगशाला में किया जायेगा. जबकि मामले की प्राथमिकी मृतक के पुत्र विकास कुमार के फर्द बयान के आधार पर दर्ज की गयी है. जिसमें अज्ञात अपराधियों द्वारा हत्या कर दिए जाने की बात सामने आयी है. नवगछिया के एसडीपीओ दिलीप कुमार ने घटना स्थल पर पहुंच कर मामले की तहकीकात की है.
बासा पर ही रहते थे सुरेश, करते थे बकरी पालन
सुरेश मंडल साधोपुर के रिंग बांध पर एक अस्थायी बासा बना कर रहते थे और यहां पर बकरी पालन करते थे. उनके पास वर्तमान में 20 से अधिक बकरियां थी. परिजनों ने बताया कि सुरेश मंडल का दिन और रात बासा पर ही बीतता था. उनकी पत्नी कृष्णा देवी उन्हें बासा पर ही खाना पहुंचा देती थी. मृतक के पुत्र विकास ने कहा कि बुधवार की रात्रि करीब सात बजे उसकी मां खाना लेकर बासा पर गयी थी और वह सुरेश मंडल को खाना खिला कर करीब आठ बजे लौट आयी थी. सुबह उसे जानकारी मिली कि रिंग बांध के निकट एक शव है. जब वे घटना स्थल पर पहुंचे देखा कि उक्त शव उनके पिता का था.
रिंग बांध पर देर रात काटा गया था एक बबूल का सूखा पेड़
घटना स्थल पर पहुंचने वाले ग्रामीणों ने देखा कि रिंग बांध पर एक सूखा बबूल का पेड़ काटा गया है और पेड़ स्थल पर ही है. ग्रामीणों ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि उक्त पेड़ रात में ही काटा गया है. ग्रामीणों ने बताया कि अक्सर सुरेश मंडल बांध की सरकारी जमीन पर लगे पेड़ों के काटने का विरोध करते थे. ग्रामीणों की आशंका है कि पेड़ काटने आये लोगों का सुरेश मंडल ने विरोध किया होगा और पेड़ काटने आये लोगों ने सुरेश की हत्या कर दी होगी. जबकि सुरेश के बासा के पास ही एक जलकर भी है. हालांकि वैधानिक रूप से सुरेश का उक्त जलकर से कुछ लेना देना नहीं था. लेकिन जल कर विवाद भी हत्या का काराण हो सकता है. दूसरी तरफ सुरेश मंडल के पास 20 से अधिक बकरियां थी. यह भी हो सकता है कि चोर बकरी की चोरी करने आये हो सुरेश मंडल ने चोरों का विरोध किया हो, जिसके बाद उक्त घटना घटित हुई. बहरहाल ग्रामीणों में जितने मुंह उतनी बातें की जा रही है. घटना से संदर्भित कई लोगों से नवगछिया पुलिस के वरीय पदाधिकारियों ने पूछताछ की है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही मामले का उद्भेदन कर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
चार पुत्रों और एक पुत्री समेत भरे पूरे परिवार को छोड़ गए सुरेश मंडल
सुरेश मंडल के चार पुत्र हैं. विकास और विभास गांव में रह कर अपना छोटा मोटा व्यवसाय करते हैं जबकि विजय और रूपेश पूर्णियां के मोहनपुर में रहते हैं और अपना व्यवसाय और खेती करते हैं. मोहनपुर सुरेश मंडल का ससुराल है. एक पुत्री सरिता देवी की शादी हो चुकी है, वह अपने ससुराल में हैं. ग्रामीण और सुरेश को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि सुरेश के सभी पुत्र मेहनती और आज्ञाकारी स्वभाव के हैं. जिससे परिवार में सुख शांति थी. इनदिनों सुरेश काफी संतुष्ट नजर आते थे. इनदिनों वे महर्षि मेंही के प्रसंगों को भी सबके साथ साझा करते थे और कहते थे, अब जितना भी जीवन बचा है. कोशिश करना है कि हर तरह के झमेले से दूर रहा जाय. कृष्णा देवी जब जब खाना जलपान लेकर बासा पर जाती तो सुरेश तन्मयता के साथ अपनी पत्नी से बात करते और घर के बच्चों, बहू, बेटों का समाचार लेते. मालूम हो कि सुरेश मंडल का बासा उसके घर से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर है. उनकी असामयिक मृत्यु के बाद परिजन गहरे सदमे में हैं.