भागलपुर/ निभाष मोदी
गंगा के तेजी से फिर से बढ़ते जलस्तर के कारण कई गांव फिर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आ गए हैं वही कई विद्यालय भी टापू पर चल रहे हैं बाल जाल की परेशानियों के साथ-साथ बच्चों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है भागलपुर में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है लिहाजा लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं स्कूली बच्चों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबौर के रजन्दीपुर पंचायत के 40 से 50 बच्चे हर रोज छोटे नाव के सहारे खतरे में जान हथेली पर लेकर संतनगर स्थित अपने प्राथमिक विद्यालय जाते हैं।
बच्चों को प्रभारी प्रधानाध्यापक निरंजन कुमार और शिक्षिका प्रियंका देवी नाव से बच्चों को लेकर जाते है और छुट्टी होने पर उन्हें लेकर आते हैं। इस बीच बच्चे भी डरे सहमे रहते हैं लेकिन बच्चे पढ़ना चाहते है और अभी इनकी अर्धवार्षिक मुल्यांकन चल रही है। लगातार दो महीने से ये इलाका बाढ़ का दंश झेल रहा है बच्चे और अभिभावक भी मजबूर है। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से नाव देने की बात कही परंतु प्रशासन की ओर से अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिला प्रशासन की ओर से बड़े नाव के इंतजाम यहाँ नहीं किये गए हैं।
छात्रा साक्षी ने कहा डर तो लगता है लेकिन पढ़ना जरूरी है। जब पानी नहीं था तब पैदल जाते थे अब नाव से जाते हैं। प्रधानाध्यापक ने बताया कि पानी है इतना उस बीच नाव से बच्चों को लेकर जा रहे हैं डर तो लगता ही है।बीइओ को आवेदन दिए थे लेकिन अर्धवार्षिक परीक्षा मूल्यांकन चल रहा है इस वजह से परेशानी है। बहरहाल बच्चे अगर पढ़ना चाहते है तो जरूरत थी जिला प्रशासन बड़े नाव का इंतज़ाम इन बच्चों के लिए करती। ऐसी तस्वीरें कहीं न कहीं सरकारी व्यवस्थाओं की पोल खोल रही है।