भागलपुर/ निभाष मोदी
भागलपुर,दिवाली पर पटाखे न चलाए जाए तो सेलिब्रेशन अधूरा सा लगता है, मालू खुशी का प्रतीक पटाखे की रोशनी ही है जैसे ही पटाखे की रोशनी और आवाज होती है वैसे ही लोगों के मन खिल उठते हैं ,बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक त्योहार पर पटाखे चलाते हैं लेकिन इससे निकलने वाली गैस हवा को जहरीला बना देती है यही कारण है कि तमाम जगहों पर पटाखों को लेकर बैन कर दिया गया है , इसी कारण से सामान्य पटाखों की जगह ग्रीन पटाखे का चलन तेजी से बढ़ रहा है ,
बताते चलें कि ग्रीन पटाखे पॉल्यूशन फ्री होते हैं, दिल्ली सरकार ने भी पटाखों पर बैन लगा दिया है जिसको लेकर बीजेपी ने इसका विरोध भी किया। वहीं भागलपुर के जनमानस कहते हैं कि प्राचीन काल में जब श्री राम 14 वर्ष वनवास काट कर अयोध्या लौटे थे तो तमाम अयोध्या वासी ने खुशी का इजहार करने हेतु अपने अपने घरों में दीपक जलाया था और आतिशबाजी के लिए पटाखा भी फोड़ा था। अतः ग्रीन क्रैकर्स पटाखे कम नुकसान दायी है, हमारी प्राचीन सभ्यता संस्कृति जो कहती है उसे हमलोग अवश्य करेगें।