प्रशासनिक स्तर से सिर्फ रंगरा कलबलिया धार में होगा बेरीकेटिंग।
जबकि रंगरा प्रखंड के सबसे खतरनाक घाटों में से एक तीनटंगा दियारा का छठ घाट है।
रंगरा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत इस वर्ष होने वाली छठ पूजा की तैयारी आम लोगों के द्वारा शुरू कर दी गई है। तो वहीं प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारी की जा रही है। इस बार प्रखंड क्षेत्र में होने वाली छठ पूजा कुल 19 घाटों पर संपन्न होगी। जिसके लिए प्रशासन के द्वारा सभी छठ घाटों का मुआयना कर उनकी सूची बना ली गई है। साथ ही खतरनाक छठ घाटों को भी चिन्हित कर लिया गया है। इस संबंध में रंगरा चौक अंचलाधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में जो भी खतरनाक घाट है उन्हें चिन्हित कर लिया गया है और वहां पर प्रशासन के द्वारा गोताखोर, एसडीआरएफ की टीम को रखने के अलावे बेरीकटिंग भी किया जाएगा।
आगे उन्होंने बताया कि रंगरा के कलबलिया धार में बैरिकेटिंग किया जायेगा। बताते चलें कि रंगरा प्रखंड के सबसे खतरनाक घाटों में से एक तीनटंगा दियारा का छठ घाट है। यहां के सभी व्रती छठ पूजा मनाने के लिए गंगा किनारे ही जाते हैं। परंतु वहां पर प्रशासन के द्वारा सिर्फ गोताखोर एसडीआरएफ की टीम को रखा गया है, बैरिकेडिंग की कोई व्यवस्था नहीं गई है। इस संबंध में अंचलाधिकारी ने बताया कि तीनटंगा दियारा गंगा घाट बहुत ही लंबी है, जहां पर बैरिकेडिंग करना मुश्किल कार्य है। अब सवाल यह है कि तीनटंगा दियारा गंगा घाट लंबी इसलिए है कि यहां पर दियारा के लगभग सभी लोग छठ पूजा मनाने के लिए पहुंचते हैं।
परंतु इन घाटों पर प्रशासन के द्वारा सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। जबकि इन घाटों पर बैरिकेडिंग होना अत्यंत ही जरूरी है।यहां पानी की गहराई भी ज्यादा है और छठ पूजा करने वाले व्रतियों की भी संख्या सर्वाधिक है। आपको बता दें कि तीनटंगा दियारा के दोनों पंचायतों की आबादी इस पर्व को मनाने के लिए बड़े ही उत्साह के साथ गंगा किनारे जाते हैं। ग्रामीण स्तर से ही घाट की साफ-सफाई कर स्नान करने एवं पूजा करने योग्य घाट को तैयार किया जाता है। ऐसे में बिना प्राशासनिक व्यवस्था के यहां पर छठ पूजा का आयोजन किया जाना किसी खतरे से कम नहीं है। वहीं रंगरा ओपी अध्यक्ष महताब खान ने बताया कि सभी बड़ी घाटों पर पुलिस की तैनाती की जा रही है।