नवगछिया के बाल भारती विद्यालय गौशाला रोड में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा मंगलवार को भव्य कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हो गया। पहले दिन कोलकाता से आये संत श्रधेय बाल व्यास पंडित श्रीकांत जी शर्मा ने अपने प्रवचन में नमस्कार के महातम्य बताते हुए कहा कि नमस्कार करने से मनुष्य भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का अधिकार प्राप्त करता है. सामान्यतः लोग हाथ से प्रणाम करते हैं लेकिन सच्चा भक्त भगवान को हृदय से नमस्कार करता है। नमस्कार का अर्थ समर्पण होता है। अर्जुन जब भगवान को नमस्कार करते हैं तो वे भगवान के प्रति पूर्ण समर्पित हो कर कहते हैं, भगवन मुझमें आपको जो शोधन करना है करें। जिसके बाद सभी जानते हैं कि अर्जुन के पूर्ण समपर्ण से गीता का ज्ञान विश्व को मिला। बाबा ने कहा कि ज्ञान होना ही शिव तत्व है। सारा संसार हमसे दूर हो सकता है। सो जाते हैं तो जगत दूर होता है।
जागते हैं तो सपना समाप्त हो जाता है। लेकिन हरेक स्थिति में ईश्वर हमारे साथ रहता है। बाबा ने कहा कि अगर जाने लायक कोई तीर्थ है तो वह गोविंद के श्रीचरणों में हैं। बाबा ने जोर देकर कहा कि अपने जीवन की व्यथा को जब कृष्ण की कथा से मिला दोगो तो जीवन आनंदमय हो जाएगा। बाबा ने कई तरह के भजनों यथा नैना नंदलाल के नुकीले और कटीले हैं, गोविंद भजो जैसे भजनों के माध्यम से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया. इससे पूर्व सुबह मारवाड़ी विवाह भवन से भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गयी, जिसमें बाबा श्रीकांत शर्मा भव्य रथ पर सवार थे। पारंपरिक नृत्य मंडली कलश शोभा यात्रा में अपने अनुपम नृत्यों का प्रदर्शन कर रहे थे।
कलश शोभायात्रा मारवाड़ी विवाह भवन से निकल कर यज्ञ स्थल तक पहुंची जिसके बाद बाबा का प्रवचन आयोजित किया गया। मंच पर समाजसेवी अजय कुमार रूंगटा, रामप्रकाश रूंगटा, नवरत्न वर्मा, रामोतार चौधरी के द्वारा बाबा का माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम में जयमान राजेन्द्र यदुका, कैलाश यदुका, अमित यदुका, सुभाषचंद्र वर्मा, गोविंद केडिया, सौरभ गर्ग, कन्हैया यदुका, अरुण यदुका, मनोज यदुका, संतोष यदुका, संदीप यदुका, रमेश सर्राफ, रवि केजरीवाल, संतोष अग्रवाल, राजेश सर्राफ, गोविंद केडिया, विजय शर्मा, सौरभ नारनोली, संजय यदुका, सोनू शर्मा, अजय शर्मा, दयानंद यदुका, श्रवण यादुका, अरुण यादुका, मनोज चौधरी, शंभू रुंगटा, मनोज अग्रवाल, किशन यदुका की भी भागीदारी है।