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नवगछिया – सोनवर्षा में एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत और तीन लोगों के गंभीर रूप से घायल हो जाने के मामले को नवगछिया पुलिस ने गंभीरता से लिया है. घटना का क्या कारण है, उसका पता तो पुलिस की छानबीन से होगा लेकिन गांव में खुलेआम इस बात की चर्चा है कि उक्त घटना भूपेंद्र और उसकी पत्नी के बीच झगड़े का ही परिणाम है. दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता था इसलिये आसपास के लोगों ने बुधवार रात को हुए झगड़े को भी नजरअंदाज कर दिया था. सुबह जब देर तक घर में कोई नहीं जगा तो लोग मामले से अवगत हुए. भूपेंद्र की मां साबो देवी ने कहा कि उसका पुत्र भूपेंद्र सनकी स्वभाव का है. घर मे अक्सर पत्नी के साथ वाद विवाद करता था. साबो देवी ने कहा कि कभी कभी उसका पुत्र उसके साथ भी गाली गलौज करता था. हालांकि साबो देवी ने बताया कि बुधवार रात किसी भी प्रकार का विवाद नहीं हुआ था. देर रात मोबाइल पर सिनेमा की आवाज आ रही थी. इसी क्रम में वह सो गयी थी. साबो देवी ने कहा कि उसे आशंका है कि उसके पुत्र ने ही गुस्से में आकर अपनी पत्नी, बच्चों को मारा और खुद को भी चोट पहुंचाया होगा.

दादी के वास रहता था आर्यन, इसलिये बच गया

भूपेंद्र का दस वर्षीय पुत्र आर्यन अपनी दादी साबो देवी के पास रहता था. साबो देवी ने कहा कि आर्यन काफी दिनों से उसी के पास रहता था और सोता था. अगर रात में वह भी अपनी मां के साथ होता तो निश्चित रूप से उसका भी वही हाल होता जो अन्य बच्चों और मां बाप है.

पांच लोगों को लहूलुहान देख कर कांप गया हर कोई

पांच लोगों को लहूलुहान देख कर हर कोई कांप गया. एक बार फिर से लोगों को करीब तीन वर्ष पहले हुए झंडापुर के तिहरा हत्याकांड की याद दिला गया. पांचों लोगों ने भूपेंद्र को छोड़ कर अन्य सभी लोगों के चेहरे के जख्मों को देख कर अनुमान व्यक्त की जा रही थी कि सबों को ईंट और लोहे के रड से कूंच कर हत्या करने का प्रयास किया गया है. साबो देवी ने कहा कि जब सुबह में देर तक जब कोई नहीं जग तो उसने कमरे की जाफरी और पर्दा हटा कर देखा तो कमरे का नजारा देख कर वह गश खा कर गिर गयी. कुछ देर में संभली तो जोर जोर से चिल्लाने पर आस पास से कई लोग मौके पर आ गए.

लॉक डाउन में आया था घर आर्थिक स्थिति नहीं थी ठीक

आस पास के लोगों ने बताया कि भूपेंद्र की शादी 12-13 वर्ष पूर्व हुई थी. उसके चार बच्चे हैं. भूपेंद्र परदेस में रहकर मजदूरी करता था. लेकिन दो वर्ष पूर्व लाकडाउन में अपने घर आ गया. यहं पर किसी ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता था. यहां मिल रही मजदूरी काफी कम था, इसलिये घर मे आर्थिक तंगी भी थी, जो गृह क्लेश का एक बड़ा कारण था. भूपेंद्र के पिता उचित दास व बड़े भाई बौकू की मृत्यु पूर्व में हो गयी है. परिजनों ने बताया कि जब भूपेंद्र बाहर रहता था तो घर की स्थिति वर्तमान से काफी बेहतर थी. घटना की जानकारी मिलते ही जिप सदस्य मोईन राईन, पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि प्रवीण उर्फ फोर्ड, अजय उर्फ लाली कुंवर, पंसस प्रतिनिधि राजीव उर्फ नूनू चौधरी व पूर्व सरपंच प्रतिनिधि शिव कुंवर आदि भी बिहपुर सीएचसी पहुंच कर मामले की जानकारी ली है और घटना की बात पुलिस पदाधिकारियों से बात चीत भी की है.

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