भागलपुर वन पदाधिकारी भरत चिंतापल्ली के नेतृत्व में एक टीम ने जगतपुर झील आये पक्षियों और अन्य जीवों का सर्वे किया गया. वन क्षेत्र पदाधिकारी पृथ्वीनाथ सिंह, पक्षीविद अरविंद मिश्र, डॉ संजीत कुमार, जगतपुर के मुखिया प्रतिनिधि प्रदीप यादव, वनरक्षी अमन कुमार और पूनम कुमारी के साथ जगतपुर गांव में बनायी गयी इको विकास समिति के सदस्य भी थे. डीएफओ ने कहा कि जैव विविधता की गणना की जा रही है.
यहां कुछ नयी प्रजाति के पक्षी, तितलियां और कीड़े देखे गये. नया व्याग्र पतंग प्रजाति का भी पक्षी देखा गया. यहां जलकुंभी से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. मगरमच्छ और घड़ियाल गंगा नदी में बढ़ना सामान्य और प्राकृतिक बात है. इसे सकारात्म रूप में देखना चाहिए. सर्वे में पाया गया कि डॉल्फिन की संख्या में भी वृद्धि हुई है.
यदि डॉल्फिन की संख्या बढ़ रही है, तो कई छोटे जीवों की संख्या में भी वृद्धि हुई होगी. स्थानीय लोगों की सहायता से डॉल्फिन को पूर्ण संरक्षित करने का प्रयास किया जायेगा. उन्होंने कहा कि गंगा में जाल न लगायें, यह कानूनन अपराध है. पक्षीविद अरविंद मिश्र ने क जगतपुर पर्यावरण की दृष्टिकोण से एक धरोहर है, सरकार को इसे संरक्षित करना चाहिये. अभी सात प्रवासी पक्षियों को देखा जा रहा है. यहां 165 प्रजाति के पक्षियों को देखा गया है.