ऋषव मिश्रा कृष्णा, मुख्य संपादक, जीएस न्यूज
नवगछिया – नई दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में आयोजित इंटरनेशनल किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मैडल प्राप्त करने के बाद कदवा दियारा पंचायत के पकरा टोला निवासी संतोष इलाकाई युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है. युवा वर्ग रोजाना उससे मिलने आ रहे हैं, रोजना प्रबुद्धजन उसके घर पहुंच कर उसे सम्मानित कर रहे हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों से बढ़ी संतोष की चमक दमक के पीछे एक काला सच है कि संतोष घनघोर आर्थिक समस्याओं से घिरा हुआ है और लगातार जिंदगी से जद्दोजहद कर रहा है. संतोष के पिता साधारण किसान हैं तो एक भाई बाहर रह कर मजदूरी करते हैं. एक भाई पढ़ाई कर रहा है. संतोष बताते हैं कि जब वह उक्त चैंपियनशिप के लिये चयनित हुआ तो उसके पास इंट्री फीस, आने – जाने और रहने तक का इंतजामात नहीं थे.
उसने मन बना लिया कि वह खेलने नहीं जाएगा. लेकिन उनके अकादमी के एक पदाधिकारी आगे आये और उन्होंने 25 हजार रुपये दिए. कुल मिला कर 30 हजार खर्च हुआ, पांच हजार उसने निजी रूप से कर्ज लिया. संतोष कहते हैं कि वह स्थानीय स्तर पर एक अकादमी की स्थापना कर ग्रामीण और इलाके के लड़कों को प्रशिक्षित करना चाहता है. लेकिन संसाधनों का आभाव है. यहां के लड़के मजबूत कद काठी के होते हैं, इस तरह के खेलों में वह अच्छा कर सकते हैं. संतोष ने कहा कि वह किसी तरह से भागलपुर स्थित अकादमी में लड़कों को प्रशिक्षण दे कर भागलपुर में रहने का खर्चा उठा पा रहा है. वह जिस तरह का गेम खेलता है, उसमें अच्छे खान पान की जरूरत होती है लेकिन दियारा की मिट्टी का हूं जिसके कारण मैनेज कर लेता हूं. संतोष तारर कॉलेज से स्नातक कर रहा है.
संतोष ने कहा कि आने वाले ओलंपिक में भारत से किक बॉक्सिंग की टीम के भी शिरकत करने की संभावना है. उसका सपना है कि वह ओलंपिक में प्रदर्शन करें और देश का नाम रौशन हो. लेकिन उसके लिये उसे कई तरह के सनाधनों और रकम की आवश्यकता है, जिसका जुगाड़ वह कर रहा है.
कहते हैं जिला पार्षद
इस्माइलपुर के जिला पार्षद विपिन कुमार मंडल ने कहा कि संतोष की मदद के लिये इलाके के प्रबुद्धजनों को आगे आना चाहिये. वाकई संतोष ने अपनी प्रतिभा से अपने आप को साबित किया है और दियारा का नाम रौशन किया है. उनके स्तर से जो बन पड़ेगा वे करेंगे.