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सहरसा: कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण कुंदह गांव में कटाव की रफ्तार ने कहर ढ़ाना शुरू कर दिया है। कटाव के कारण जहां मदरसा पूरी तरह से कोशी नदी में समा गया वहीं मध्य विद्यालय कुंदह का कुछ भाग शनिवार की रात कोसी में कट गया। जबकि कुंदह से नवहट्टा प्रखंड के सतौर तक जाने वाली पीसीसी सड़क कोसी नदी की भेंट चढ़ चुकी है। अबतक दो दर्जन से अधिक लोगों के घर कोशी में समा चुके हैं, अब आंगनबाड़ी केंद्र और सीएसपी केंद्र कटाव के मुहाने पर है।

अपस्ट्रीम पर एंटीरोजन नहीं कराना पड़ रहा महंगा

इस वर्ष फरवरी-मार्च माह में ग्रामीणों द्वारा जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों से अपस्ट्रीम में एंटीरोजन कार्य करवाने का अनुरोध किया था। लेकिन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों की मांग को गंभीरता से नहीं लिया। जिस कारण अपस्ट्रीम में कटाव से खतरा बढ़ गया है। ग्रामीण महंथ धीरेंद्र दास, पंसस नूरजहां, सरपंच हीरालाल राम, उपमुखिया महेश्वर राय ने बताया कि जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों के कारण कुंदह के लोगों की परेशानी बढ़ी है।

अगर अपस्ट्रीम में एंटीरोजन कार्य किया जाता है तो हालत ऐसी नहीं रहती। मो.शहाबुद्दीन, गुपेश्वर यादव,तेज नारायण गुप्ता,वार्ड सदस्य गीता देवी, दूलारचंद मुखिया, अनिल शर्मा, अंसार आलम सहित अन्य ने कहा कि बाढ़ निरोधात्मक कार्य के माध्यम से होने वाले लूट यहां दिखता है। कटावरोधी कार्य के नाम पर सरकारी राशि का वारा-न्यारा हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि एक माह पूर्व कोशी में कट चुके 15 घरों के गृहस्वामी को अबतक आपदा राहत कोष से मिलने वाले सहयता राशि का भुगतान अंचल प्रशासन द्वारा नहीं किया गया है। पिछले लगभग तीन माह से विभाग के अभियंता की देखरेख में कुंदह में कटावरोधी कार्य कराया जा रहा है। अबतक लगभग 15 लाख से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है। आगे भी कटाव रोकने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

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