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खरीक: बगजान तटबंध को को बचाने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में 6 करोड़ रुपए खर्च किए गए लेकिन तटबंध ध्वस्त हो गया. चोरहर घाट से तकरीबन 2 किलोमीटर पश्चिम भीषण कटाव होने से तकरीबन 300 मीटर के दायरे में तटबंध ध्वस्त हो गया. जिस जगह पर तटबंध ध्वस्त हुआ है वहां कोसी नदी की जलधारा उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवाहित हो गई नतीजतन दर्जनों गांव के निचले इलाकों में कोसी का पानी फैलने लगा है. सुरहा बगड़ी के निचले इलाकों में कोसी का पानी फैल गया है.


सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद
सैकड़ों एकड़ में लगी केले की फसल बर्बाद हो चुकी है. केला के खेतों में कोसी का पानी घुसने से किसान आनन-फानन में अपने खेतों से केले की खानी को निकालकर सड़क पर ला रहे हैं और ओने पौने भाव में केला बेचने को विवश है. किसान पवन यादव मोहम्मद यूनुस ने बताया कि खेतों में कोसी का पानी घुस जाने से व्यापारी केला लेने के लिए तैयार नहीं है . कोरोना की मार से हम लोग पहले तबाह हो चुके है रही सही कसर तटबंध टूटने से पूरी हो गई.₹300 रूपए प्रति खानी बिकने वाले केले को ₹50 में बेचने को विवश हैं जो लागत मूल्य से कई गुना कम है.केले की खेती पर प्रकृति की मार से लागत मूल्य भी निकलने वाला नहींहै.ठेके पर खेती करने वाले लीज धारक किसानों का बुरा हाल है.जमीन मालिक लीज का रकम पेमेंट करने के लिए दबाव बना रहे हैं.खेत में लगे केले बिक नहीं रहे है. किसानों की स्थिति आत्महत्या के कगार पर है.


इस संदर्भ में पूछे जाने पर जल संसाधन विभाग नवगछिया डिवीजन के एसडीओ विजय कुमार अलबेला ने बताया कि तटबंध ध्वस्त होने से आसपास के इलाकों में कोशिका पानी फैलने से नदी का प्रवाह उत्तर की ओर धीमा हो गया है अगले वित्तीय वर्ष में ध्वस्त तटबंध का मरम्मत किया जाएगा.

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