नवगछिया :- रंगरा प्रखंड के मध्य विद्यालय रंगरा के प्रांगण में दिव्य जागृति संस्थान द्वारा बीते मंगलवार से आयोजित श्रीरामचरितमानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ का शनिवार को समापन हो गया। श्रीरामचरितमानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ के समापन के मौके पर दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्य स्वामी यादवेंद्रानंद जी ने कार्यक्रम में उपस्थित हजारों श्रोताओ एवं धर्म प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर मानव जीवन को प्रभुमय बनाना चाहते है,
जीवन की सार्थकता व सफलता को सिद्ध करना चाहते है, नर से नारायण की ओर प्रस्थान करना चाहते है एवं अपने वर्तमान और भविष्य को सुंदर बनाना चाहते तो प्रत्येक नर नारियों का यह परम कर्तव्य है कि वो अपने जीवन को चार चरणों से गुजारें। उन्होने कहा कि – अरे आत्मा वा स्रोतव्यो,मन्तव्यो, दृष्टव्यो,निधिध्यास्तव्यो । अर्थात आत्मा परमात्मा की बातो को ध्यान पूर्वक सुनो, सुनी हुई बातो पर मनन करो, फिर समय के पूर्ण सदगुरु के शरण में जाकर ईश्वर का दर्शन करो और फिर घर गृहस्ती में रहकर भी पारिवारिक, सामाजिक,
सांसारिक कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने जीवन को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करो, इसी में सबका कल्याण है । वहीं स्वामी संसदानंद जी ने भी अपने संबोधन में शास्त्र सम्मत विचार देते हुए लोगों को सन्मार्ग पर चलने का सलाह दिया। इस मौके पर मौजूद हजारों श्रद्धालुओं ने धर्म प्रवचन के ज्ञान गंगा में डुबकी लगाया । इस गीता ज्ञान यज्ञ के समापन पर साध्वी शीतली भारती,साध्वी पुष्पा भारती एवं चंदन कुमार के सुमधुर भक्ती संगीत का रसपान किया।