5
(1)
  • कहीं रूठ न जाये मेहमान पक्षी

ऋषव मिश्रा ‘कृष्णा’, नवगछिया – जाड़े का मौसम प्रारंभ होते ही जगतपुर झील में मेहमान पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है. पक्षियों का कलरव और अटखेलियां यहां के वातावरण में चार चांद लगा रहा है. इलाके के लोग भी अनदेखे – अनकहे जीवों को देख कर आश्चर्यचकित हो जा रहे हैं. 121 एकड़ में फैले इस झील आने जाने वाले लोगों के लिये आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है लेकिन झील की दुर्दशा को देख कर आशंका है कि यहां की खूबसूरती का सिलसिला ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा. पर्यटन की बात तो दूर अगर यहां साफ सफाई और झील के संरक्षण और संवर्धन के लिये कुछ नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब मेहमान पक्षी यहां की व्यवस्था से आहत हो यहां आना बंद कर दे. इलाके के पर्यावरण विद भी पिछले दिनों यह आशंका व्यक्त कर चुके हैं.

पूरा झील जलकुंभी और जलीय पौधों से है भरा

जगतपुर का पूरा झील जलकुंभी और जलीय पौधों से भरा पड़ा है. विगत वर्षों झील की ऐसी स्थिति नहीं थी. लेकिन इनदिनों जलकुंभी की समस्या पर पर्यावरणविद आशंकित हैं. कहा जा रहा है कि जलकुंभी रहने से पक्षियों को अपने भोजन तलाश करने में कठिनाई हो है और पक्षियों के लायक कहीं भी अनुकूल माहौल तभी होता है जब भोजन आसानी से उपलब्ध हो जाय.

झील में बढ़ रहा है गाद, कुछेक जगहों को छोड़ कर छिछला है झील

झील में कई जगहों पर गाद अत्यधिक हो रहा है. जिससे यह झील कई स्थलों पर अभी ही सूखने लगा है. यहां पर झील को सम्यक आकार दे कर विभन्न स्थलों पर झील की खोदाई करने की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो यह जल्द ही अपने अस्तित्व को खो देगा.

जमीन की समस्या

121 एकड़ में फैले इस झील की ज्यादातर जमीन रैयती है. नवगछिया अंचल द्वारा किये गए सर्वे में अलग अलग जगहों पर 79 एकड़ 46 डिसमिल जमीन खतियानी रैयती है. 18 एकड़ सात डिसमिल जमीन अनाबाद बिहार सरकार है. सात एकड़ 39 डिसमिल जमीन भूदान समिति की है जबकि चार एकड़ 35 डिसमिल जमीन भूहदबंदी में पर्चे वाली जमीन है. सड़क के ठीक बगल वाली झील की जमीन रैयती है और सरकारी जमीन बीच में है. ऐसी स्थिति में सम्यक रूप से 121 एकड़ झील पर विकास कार्य करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

क्या है मनरेगा के कार्य का हाल

इस वर्ष झील के सौंदर्यीकरण के लिये मनरेगा द्वारा कार्य कराने का निर्णय लिया गया था. लेकिन कार्य शुरू होने के कुछ दिन बाद ही झील में पानी का स्तर बढ़ गया और काम बंद करना पड़ा. जब काम बंद किया गया था, उस वक्त तक दस फीसदी कार्य भी पूर्ण नहीं हो सका था. मनरेगा द्वारा चार एकड़ में पोखर खोदाई, बांध निर्माण और पौध रोपण का कार्य किया जाना था.

150 से अधिक पक्षियों का होता है आगगमन

जगतपुर झील सूबे के पर्यावरण विदों के लिये विगत पांच वर्षों से आकर्षण का केंद्र बन गया है. यहां पर जाड़े के मौसम में 150 से अधिक पक्षियों का आगमन होता है. इनमें बड़ी संख्या में पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर यहां आते हैं तो कुछ दुर्लभ पक्षी भी यहां देखे जाते हैं. इस मौसम में नॉर्दर्न सोभलर, गडवाल डक, कॉमन पोचार्ड, कॉमन डक, कॉमन टिल, पिनटेल डक , लालसर जैसे पक्षी सहजता से देखे जा सकते हैं.

वन विभाग ने गठन किया इको विकास समिति

पिछके दिनों वन विभाग द्वारा जगतपुर झील के संरक्षण और संवर्धन के लिए इको विकास समिति का गठन किया गया जिसका अध्यक्ष मुखिया प्रतिनिधि प्रदीप कुमार यादव को बनाया गया. इस समिति के सचिव वन विभाग के फोरेस्टर होते हैं. वन विभाग द्वारा अब तक करीब 1000 पौधे लगाए गए हैं. जबकि निरंतर यहां पर विभाग के पदाधिकारी पक्षियों का सर्वे करने पहुंचते हैं.

कहते हैं मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी

मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा कि चार एकड़ में सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा था. कार्य की प्रगति 10 फीसदी है. जल स्तर बढ़ जाने के कारण कार्य को बंद करना पड़ा. जल स्तर घटते ही पुनः कार्य प्रारंभ किया जाएगा.

कहते हैं वह क्षेत्र पदाधिकारी

नवगछिया के वन क्षेत्र पदाधिकारी पृथ्वीनाथ सिंह ने कहा कि वन लगातार झील के संरक्षण और संवर्धन का कार्य कर रहा है. जिले के वरीय पदाधिकारियों के निर्देशन में लगातार आने वाले पक्षियों का सर्वे किया जा रहा है और ग्रामीणों में जागरूकता फैलाने का कार्य भी किया जा रहा है.

कहते हैं मुखिया प्रतिनिधि सह इको विकास समिति के अध्यक्ष

नवगठित इको विकास समिति के अध्यक्ष सह जगतपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि प्रदीप कुमार ने कहा कि झील के विकास के लिये सम्यक राशि की जरूरत है. जिससे खोदाई, मेढ़ निर्माण, पौधरोपण और अन्य कार्य किया जा सके. उन्होंने कहा कि जिस जमीन को सरकारी घोषित किया गया है, उस जमीन पर अभी भी कब्जाधारी दवा कर रहे हैं. इस कारण विकास कार्य में भी अड़चन है. लेकिन पक्षियों का शिकार न हो इसका खास ध्यान रखा जा रहा है. इस झील के सम्यक विकास के बाद ही यह पर्यटन के लायक होगा.

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: