5
(1)

नवगछिया: जनता दल यूनाइटेड के मुख्य प्रवक्ता रवि कुमार ने महात्मा फूले के पुण्यतिथि (28 नवंबर) के अवसर पर कहा कि फूले-दंपत्ति को जानने की जरुरत है. देश के सबसे बड़े समाज सुधारक जिन्हें गांधी और अंबेडकर भी अपना आदर्श मानते थे, उस फूले-दंपत्ति के प्रयासों और संघर्षों पर चर्चा शायद ही होती है.उन्होंने दलितों, शोषितों और स्त्रियों की समानता की लड़ाई लड़ी जिसके कारण उन्हें व्यापक विरोध का सामना करना पड़ा था. महात्मा फूले ने 1848 में बालिकाओं के लिए देश का पहला स्कूल खोला जिस समय लड़कियों का पढ़ना सख्त मना था जिसके कारण महात्मा फूले को विरोध,लांछन और बहिष्कार का सामना करना पड़ा.

स्कूल में पढ़ाने के लिए शिक्षक तैयार नहीं होते थे और जो तैयार होते थे वे भी कुछ ही दिनों में सामाजिक दबाब के कारण फूले का साथ छोड़ देते थे. ऐसी परिस्थित में पत्नि सावित्रीबाई ने फूले का साथ दिया और फूले के प्रयास से सावित्रीबाई देश की प्रथम महिला शिक्षिका बनी. सावित्रीबाई जब पढ़ाने स्कूल जाती थी तब रास्ते में लोग कीचड़ व गोबर उछालते थे और पत्थर मारते थे. फूले-दंपत्ति सभी कठिनाईयों का सामना करते हुए नारी शिक्षा की नींव तैयार करने में सफल रहे.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महात्मा फूले के नारी शिक्षा के सपने को साकार किया है. नीतीश राज में साईकिल योजना, पोशाक योजना, छात्रवृत्ति योजना, मेधा छात्रवृत्ति योजना, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना,सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना इत्यादि के माध्यम से बिहार में लड़कियों को आगे बढ़ने में मदद की जा रही है. रवि कुमार ने बिहार सरकार से मांग की है कि स्कूल-कॉलेजों के पाठ्यक्रम में फूले-दंपति की जीवनी और उनके संघर्षों को शामिल किया जाये.

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: