बीते मंगलवार को बिहार के डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने एक बार फिर अपनी राजनीतिक पारी के बारे में खुलकर बात की। राजनीतिक पार्टी में शामिल होने और चुनाव लड़ने के सवाल पर गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि क्या ये अवैध है?
आजतक को दिए खास इंटरव्यू में पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि बिहार की जनता मुझे बहुत प्यार करती है। मैं कहीं चुनाव लड़ा तो जीत सकता हूं। चुनाव से मेरे वीआरएस को जोड़ना गलत है। उन्होंने आगे कहा कि मेरे खिलाफ हर रोज अफवाह उड़ाकर मुझे विवादित बनाया जा रहा है। मेरे खिलाफ विपक्ष, चुनाव आयोग से शिकायत करता और अगर चुनाव आयोग मुझे हटा देता तो मेरी कितनी बेइज्जती होती। 34 साल तक बेदाग रहा, लेकिन इस तरह का माहौल बना दिया गया कि निर्वाचन आयोग को मुझे हटाना पड़े।
उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश हो रही थी। मुझे अपमानित करके हटाने का प्लान था। मैं समझ गया और मैंने वीआरएस लेने का फैसला किया। किसी राजनीतिक दल में शामिल हो जाना या चुनाव लड़ जाना, पाप है क्या? अगर मैं चुनाव में जाने का फैसला करता हूं तो इसमें क्या अनैतिक और अवैध है।
गुप्तेश्वर पांडेय ने आग कहा कि मैं बिहार के किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर जीत सकता हूं, वह भी निर्दलीय। 14 सीटों से चुनाव लड़ने का ऑफर है, लेकिन मैं अभी राजनीति में जाने को लेकर फैसला नहीं किया है। जो भी होगा, पहले अपने लोगों से सलाह मशविरा करूंगा फिर इसका ऐलान करूंगा।
वीआरएस को एक्टर सुशांत सिंह राजपूत केस से जोड़ने की जरूत नहीं
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मेरे वीआरएस को एक्टर सुशांत सिंह राजपूत केस से जोड़ने की जरूत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि मैंने जो किया, वो सही किया। जब मेरे उपर नैतिक दबाव आया तो मैंने हंगामा शुरू किया। इसके बाद मेरे आईपीएस अधिकारी को मुंबई पुलिस ने छोड़ा।