नवगछिया: – अनुमंडल का पहला नवनिर्मित साईंनाथ मंदिर में बीते कई दिनों से लगातार प्रत्येक गुरुवार को सप्ताहिक सत्संग का आयोजन साईंनगर सहौरा में हो रहा है भारतीय संस्कृति में गुरु का बहुत महत्व है। कहीं गुरु को ‘ब्रह्मा-विष्णु-महेश’ कहा गया है तो कहीं ‘गोविन्द’ , गुरुदेव के प्रति आस्था सत्संग भजन साईंनाथ कि महिमा का गुणगान श्रद्धालुओं के बीच कायम है
प्रवचन कर्ता लडडू दास ने कहा कि
इस संसार में तीन पदार्थ- ईश्वर, जीव और प्रकृति- सत हैं। इन तीनों के बारे में जहां अच्छी तरह से बताया जाए, उसे सत्संग कहते हैं। श्रेष्ठ और सात्विक जनों का संग पवित्र और धार्मिक वातावरण का संग करना, यह सब सत्संग के अंतर्गत आता है।
वर्ष 2022 के अंतिम गुरूवार को श्री सद्गुरु साईंनाथ सेवा समिति के तत्वाधान में महाप्रसाद वितरण किया गया जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सप्ताहिक सत्संग के बाद प्रसाद ग्रहण किया मौके पर श्री सद्गुरु साईंनाथ सेवा समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शुभम यादव ने कहा कि
हमें जीवन में नमस्कार, स्वीकार व परोपकार इन तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इन तीनों का अर्थ समझकर अपने जीवन में उतारेंगे तो जीवन सफल हो सकता है। जीवन में मानवता का धर्म सबसे बड़ा है। इसको जीवन में उतारकर समाज व देश की सेवा की जा सकती है। हम अपनी धन दौलत से गरीबों, बेसहारों का कल्याण करेंगें असल में यही मानव सेवा है
इस अवसर पर श्री सद्गुरु साईनाथ सेवा समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शुभम कुमार, उपाध्यक्ष अशोक कुमार , कांतेश कुमार उर्फ टीनू यादव,
संतमंत के प्रचार मंत्री लडडू बाबा, शशिप्रसाद,कोषाध्यक्ष सूरेश प्रसाद, शशिप्रसाद मनिषा साईं,सुबोध साह, बिलाश यादव, सिंटु कुमार, रिंकज कुमार
सहित अन्य
मौजूद रहे ||