सधुआ बाजार के दुकानदारों के लिए उधारी बना जी का जंजाल, उधारी के कारण अब तक हुई है कई हत्याएं।
अपराधियों के डर से कई दुकानदार नहीं रखते हैं सिगरेट और गुटका।
हत्या के डर से अब तक में कई व्यवसाई यहां से कर चुके हैं पलायन।
उधारी नहीं देना या बंद दुकान को खोल कर सौदा नहीं देना सधुआ के दुकानदारों के लिए हत्या का सबब बनता रहा है। सधुआ गांव और बाजार ऐसी कई हत्याओं का मूकदर्शक साक्षी रहा है। ऐसी घटना सधुआ बाजार में पहली और कोई नई घटना नहीं है। पिछले दो दशकों से यहां व्यवसायियों के बहे हुए लहू इस बात की गवाही है कि उधारी नहीं देना अपनी जान गवाने के बराबर है। यहां अपराधियों के द्वारा खुलेआम कानून को चुनौती दी जाती है और दुकानदारों का खून बहाया जाता है। कृष्णा हत्याकांड में जो बात उभर कर सामने आ रही है वह उधारी और दुकान खोल कर सिगरेट और चाय नहीं देने का परिणाम है। लिहाजा सच्चाई जो भी हो परंतु एक काली सच्चाई यह भी है कि सधुआ बाजार और गांव में कानून कि नहीं अपराधियों की भय का राज चलता है। यहां आज भी छोटे छोटे दुकानदार अपराधियों के डर से और दुकानदारों के साथ हुए उनके अंजाम को देखकर सिगरेट और गुटका जैसे सामग्री नहीं बेचा करते हैं। शाम के 6:00 बजे के बाद यहां के अधिकांश दुकानों की शटर गिर जाती है।
यहां अपराधियों का एक ही फंडा उधार दो या अपनी जान। आज से अनुमानतः डेढ़ दशक पहले सधुआ बाजार के व्यवसाई नरेंद्र साह की भी उधारी के कारण हीं अपराधियों के द्वारा सधुआ बाजार में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। सधुआ बाजार के किराना दुकानदार सुबोध साह के भाई बबलू साह को सिगरेट नहीं देना इतना महंगा पड़ा कि उन्हें इसके बदले अपनी जान गंवानी पड़ी। बबलू साह की भी हत्या अपराधियों ने गुलाब बाग से किराना का सामान लेकर आते समय चापर ढाला के समीप अपहरण के बाद कर दिया था। जिसकी लाश 3 दिनों के बाद कोसी नदी से पुलीस ने बरामद किया गया था।
बबलू की हत्या के बाद उनके बड़े भाई सुबोध साह पर भी अपराधियों की काल दृष्टी पड़ गई थी। जिससे उनके बचाव के लिए उन्हें प्रशासन के द्वारा 24 घंटे उनके घर पर पुलिस के द्वारा कैंप और हथियारबंद बॉडीगार्ड सुबोध साह के साथ करीब 2 वर्षों तक रहा था। वस्तु स्थिति को देखते हुए उन्होंने सधुआ गांव छोड़ने में ही अपनी भलाई समझी और उन्होंने सधुआ को छोड़ दिया। सधुआ बाजार के हीं पान दुकानदार कन्हैया पर भी उधारी नहीं देने से बौखलाए अपराधियों ने हमला किया था। लेकिन वह अपराधियों के हमले से बाल बाल बच गए। आज से 2 वर्ष पहले भी सधुआ निवासी कृष्णदेव साह उर्फ़ मतवाला जो भजन गायक के रूप में इलाके में प्रसिद्ध था। जो अपने जीवन यापन के लिए कटरिया स्टेशन के नीचे नाश्ता का दुकान भी चलाता था। उनकी भी हत्या अपराधियों ने उनके घर पर गोली मारकर कर दी थी।हालांकि इस घटना में हत्या का कारण जमीनी विवाद उभर कर सामने आया था।