भागलपुर/ निभाष मोदी
भागलपुर में संस्कृतिकर्मियों द्वारा 34वाँ सफदर हाशमी शहादत दिवस के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
ज्ञात हो की सफदर हाशमी की हत्या के बाद दिशा जन सांस्कृतिक मंच की अगुवाई में सन 1990 से लगातार इस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही शहर के तमाम सांस्कृतिक सामाजिक संस्थाएं इसमें विगत 34 वर्षों से अपनी भागीदारी दे रही हैं। कार्यक्रम में विभिन्न रंग संस्थाओं से शहर के संस्कृतिकर्मियों उपस्थित हुए। इस अवसर पर कलाकारों ने कविता, जनगीत और नाटक की प्रस्तुति दी तथा बुद्धिजीवियों ने सफदर के विचार उनके रचनाओं की प्रासंगिकता आदि पर अपने वक्तव्य रखे।
कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ चंद्रेश ने समारोह के 34 वर्षों के सफर को याद किया और उससे जुड़ी यादें साझा की।
सफदर हाशमी से जुड़े संस्मरण को बताया और नुक्कड़ नाटक क्यों जरूरी इस पर विस्तार से प्रकाश डाला। उसके बाद संबंध से सुमित मिश्रा ने सफदर हाशमी की कविता औरत का पाठ किया। उसके बाद आलोक कुमार ने एक गीत की प्रस्तुति दी। पुनः यादवेंद्र ने भागलपुर में शहादत दिवस के 34 वर्षों के सफर पर चर्चा की और साथ ही वर्तमान परिदृश्य में सफदर के विचारों की आवश्यकता एवं रंगकर्मियों की एकजुटता पर बल दिया। आलय के युवा रंगकर्मी चैतन्य प्रकाश ने रोग पुराण कविता का पाठ किया। विपिन कुमार ने सत्ता कविता का पाठ किया। सभा को संबोधित करते हुए रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच के कपिलदेव कुमार ने भी स्थानीय स्तर पर संस्थाओं के एकजुट होकर कार्य करने की बात कही। आगे कार्यक्रम में आले भागलपुर द्वारा नाटक हाथ पकड़ा की प्रस्तुति दी गई।
दिशा जन सांस्कृतिक मंच की ओर से दशरथ और भुट्टो जी ने सफदर हाशमी के गीत पढ़ना लिखना सीखो की प्रस्तुति दी। युवा रंगकर्मी साहिल राज ने हबीब जालिब किन्नरों दस्तूर की प्रस्तुति दी। विचार गोष्ठी के खुला सत्र के दौरान सभी रंग कर्मियों ने वर्तमान समय में भागलपुर रंगमंच की चुनौतियों जैसे संवाद हीनता की स्थिति, प्रेक्षागृह का आभाव, पूर्वाभ्यास स्थल का ना होना आदि जैसी मूलभूत समस्याओं पर विस्तार से परिचर्चा हुई। साथ ही सर्वसम्मति से इस वर्ष के कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने पर सहमति बनी। चर्चा उपरांत यह निर्णय लिया गया की आगामी कार्यक्रमों की योजना पर जल्द ही एक बैठक रखी जाए।
कार्यक्रम के अंत में सभी संस्कृतिकर्मियों ने हम होंगे कामयाब.. गीत से कार्यक्रम का समापन किया।
मंच संचालन साहिल राज ने किया और धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ रंगकर्मी डॉक्टर चंद्रेश ने किया। इस अवसर पर शहर के संस्कृतिकर्मियों – राजेश झा, राहुल झा, रंजीत कुमार, मोहम्मद जफर, श्री प्रवीर, दीपक मंडल, खुशबू कुमारी, मिथिलेश कुमार दास, शशीकांत, आदित्य, रौशन, बादल, आशीष सहित काफी संख्या में संस्कृतिकर्मी उपस्थित थे।