बीते सोमवार से हीं अचानक मौसम में परिवर्तन होने से भीषण ठंड से जनजीवन दिनभर ठिठुरन के कब्जे में रहा। भीषण ठंड के चलते सभी सड़क मार्गों पर आवाजाही ठंड के कारण कम हो गई है। शाम होते हीं घने कुहासे के कारण लगभग सभी सड़कें वीरान हो जाती है। बुधवार से पछुआ हवा में तेजी आ जाने से कनकनी बढ़ गई है एवम ठंड में अचानक काफी बढ़ोतरी हो गई है। किसानों को जहां खेत बहियार जाने एवं पटवन करने में भारी परेशानी हो रही है तो वहीं अधिकांश मजदूर काम पर जाने से हिचकिचा रहे थे.
लोगों ने ठंड से बचने के लिए सुबह 8 बजे तक घरों में कैद रहे। इसके आलावे लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहें हैं। खासकर बच्चों को इस ठंड में बड़ी परेशानी हो रही है। मवेशी पालकों के सामने भी चारा जुटाने एवं मवेशियों को ठंड से बचाने की समस्या आ खड़ी है। कई मवेशी पालक तो अपने बकरी, गाय-भैंस को कंबल सूती बोरा से बांधकर गुहाल पर भूसा जलाकर धुंआ देते हुए गर्मी देने का प्रयास कर रहे हैं।
चौक चौराहों पर लोग अखबार और टायर जलाकर हाथ सेंकते की नजर आए। जबकि स्थानीय प्रशासन के द्वारा अब तक चौक चौराहों पर अलाव की व्यवस्था नहीं किया जा सका है। जिससे चौक चौराहों पर राहगीरों को चाय दूकानों, नाश्ता दुकानों में एवं दुकानदारों के द्वारा जलाए गए आग में हाथ सेंककर ठंड से बचने का प्रयास कर रहे थे। दुकानदारों एवं लोगों के द्वारा स्थानीय प्रशासन से अलाव की जल्द व्यवस्था करने की मांग की गई है।