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नारायणपुर – भवानीपुर थाना क्षेत्र के चकरामी गंगा दियारा में अपराधियों के आतंक से किसान भयभीत है। गंगा दियारा से भय से किसान का गॉव की और पलायन करने का मामला प्रकाश में आया है। शनिवार को साइबर सेनानी ग्रुप नवगछिया में नारायणपुर के एक समाजसेवी ने पोस्ट करके किसान के भय और पलायन को सार्वजनिक किया। जिसमें कहा गया है कि सोनवर्षा के आतंक कन्हैया चौधरी के आतंक से नारायणपुर के चकरामी गंगा दियारा के किसान में दहशत है।बिते दिन कन्हैया चौधरी गिरोह के शातिर अपराधि गुलशन चौधरी को भवानीपुर पुलिस को किसानो ने पकड़ने में मदद की थी। जिसके बाद से चकरामी गंगा दियारा में कन्हैया चौधरी का आतंक सर चढकर बोल रहा है जिसको लेकर किसानों में दहशत व्याप्त है भय से किसान मवेशी ‘ट्रेक्टर लेकर बासा से घर की और पलायन कर रहे हैं।

इधर नवगछिया पुलिस द्वारा अपराधि कन्हैया चौधरी को पकड़ने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है।इधर घोड़े पर सवार होकर किसानों के साथ मारपीट कर रहे है जिसको लेकर किसान एवं बुद्धिजीवी वर्ग के लोग पुलिस प्रशासन से अपराधि कन्हैया चौधरी की जल्द ही गिरफ्तारी की उम्मीद जताया है। जिससे किसान दहशत मुक्त होकर अपने अपने खेत में खाद्य,पटवन,छिड़काव के साथ मवेशी लेकर अपने अपने बासा पर रहकर अपने फसल को सुरक्षित घर तक ला सकेगें।वहीं ग्रामीणों ने बताया की करीब एक दर्जन किसान बासा छोड़कर गांव पहुंच गया है। बासा पर किसान मवेशी रखकर पालते हैं और खेती करते हैं। शनिवार को जब चकरामी गंगा दियारा पहुंचकर पड़ताल किया गया तो मामला सही साबित हुआ। जहॉ अपराधी एक खास वर्ग को टारगेट कर रहे हैं। अपराधियों का जत्था दिन हो या रात कभी भी दस की संख्या में हथियार से लैस होकर घोड़े पर सवार होकर आ धमकते हैं। जिससे किसानों में डर बना हुआ है। कोई भी किसान अपराधी का नाम बोलने से कतरा रहे हैं।

लेकिन इतना जरूर है कि वह अपराधी सोनवर्षा गांव के हैं जिन्होंने हाल ही में एक हत्या की घटना को अंजाम दिया है। इसी गिरोह के एक सदस्य को अन्य मामले में पुलिस ने जेल भी भेजा है जो चकरामी दियारा के किसानों से फिरौती मांगता था। इसलिए हत्या की घटना में शामिल अपराधी का कहना है कि चकरामी बासा पर रह रहा एक वर्ग है जिन्होंने उसके सदस्य को पकड़कर पुलिस के हवाले किया है। इसलिए उस वर्ग को डराया और धमकाया जा रहा है जिसके डर से मवेशी बासा पर से गॉव की और पलायन कर अपना अपना बासा खाली कर दिया है। बासा पर केवल नाद और मवेशी का खूंटा, झोपड़ी है।वहीं मामले में गंगा दियारा में रह रहे किसानों ने भी अपराधियों का नाम बताने से परहेज किया। यहां तक कि उन्होंने पुलिस पदाधिकारी से भी बात करना नहीं चाहा।

जब उससे कहा गया कि पुलिस पदाधिकारी से बात करके इस बारे में जानकारी दीजिए तो उन्होंने कहा कि यदि वहां से मेरा नाम लिक हो जाएगा तो अपराधी मेरे साथ कुछ भी कर सकता है। यू कहें की चकरामी गंगा दियारा में भय और आतंक का माहौल है। अभी सिंचाई और खेत में खाद देने का समय है इसलिए किसान डरकर पटवन और खाद खेत में दे रहे हैं। किसान कहते हैं कि दस की संख्या में हथियार से लैस होकर कभी भी आ सकता है। आने पर अपराधी किसे निशाना बनाएगा यह नहीं बता सकता। किसी भी किसान ने अपना नाम बताने से इनकार किया क्योंकि वह कहता है कि अखबार में नाम छप जाती है तो खतरा होगा। मामले को लेकर नवगछिया एसडीपीओ दिलीप कुमार से इस बारे में बातचीत किया गया तो उन्होंने कहा कि पुलिस लगातार दियारा में गश्ती कर रही है। नजर बनाए हुए हैं। किसान को जल्द ही राहत दिया जाएगा।

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