बिहपुर।सोमवार को बिहपुर महर्षि मेंही आश्रम में 2 जनवरी से लेकर 8 जनवरी तक ध्यान अभ्यास शिविर में बिहार के विभिन्न जिलों से संतो ने पहुंचकर ध्यान योग साधना का महत्व बताया।कटिहार से अनिल आनंद जी महाराज ,नवगछिया से जवाहरनंद जी महाराज, झारखंड से विद्यानंद जी महाराज ,कटिहार से शंभूनंद जी महाराज ,पहाड़पुर से श्याम सुंदर बाबा, बेलदौर से लक्ष्मी बाबा और परम पूज्य संत व्यासानंद जी महाराज उपस्थित थें।
परम पूज्य संत व्यासानंद जी महाराज ने इस ध्यान योग साधना के बारे में कहा कि मनुष्य को ध्यान भोजन की भांति करनी चाहिए। मनुष्य भोजन किए बिना तो रह सकते है,परंतु ध्यान के बिना मनुष्य को नहीं रहना चाहिए। ध्यान मनुष्य को उस जीवात्मा से मिलाती है। जिससे मनुष्य मोक्ष के द्वार को प्राप्त करते हैं। व्यासानंद जी महाराज ने और भी प्रवचन में बहुत से ज्ञान की बातें बताई। बिहपुर महर्षि मेंही आश्रम के व्यवस्थापक संत श्री अंबिकानंद जी महाराज एवं बिहपुर के सत्संग प्रेमी बलराम, ब्रह्मदेव बाबू, इंदर ,घनश्याम और हजारों सत्संग प्रेमी सत्संग में हिस्सा ले कर अपने जीवन को धन्य बनाया।