2130 महिलाएं कुटीर उद्योग से जुड़ीं घर बैठे बढ़ा रही हैं अपनी आमदनी
सुजीत कुमार, नई बात
नवगछिया | महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में स्वयं सहायता समूह की भूमिका महत्वपूर्ण है। नगर परिषद क्षेत्र की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है। नगर परिषद के दीन दयाल अंत्योदय योजना के राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत नगर क्षेत्र की गरीबी रेखा के नीचे की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बना कर स्वरोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। डीएनयूएलएम के तहत नगर में कुल 213 स्वयं सहायता समूह बनाया गया है। समूह अपने सदस्यों के साथ मिल कर कोई न कोई रोजगार कर अच्छी खासी आमदनी कर लेती हैं। इससे होने वाली आमदनी को सदस्यों के बीच बांटा जाता है। इसके लिए समूह को आसान दरों पर बैंकों से ऋण दिलाने का काम भी डीएनयूएलएम की ओर से किया जा रहा है। शहर में बनाए गए कई स्वयं सहायता समूह बेहतर रोजगार कर रहे हैं। निशा जीविका, राजनंदनी समूह, समक्ष जीविका, जय मां लक्ष्मी आदि समूह से जुड़ी महिलाएं अच्छा काम कर स्वावलंबी बनी है।
एक समूह में कम से कम 10 महिलाएं
महिला स्वयं सहायता समूह का गठन बीपीएल वालों के बीच किया जाता है। उस परिवार महिला को ही समूह में रखा जाता है, जिसका बीपीएल अंक कम से कम 70 हो समूह में कम से कम 10 और अधिकतम 20 महिलाएं होती है। इनके बीच से एक अध्यक्ष, एक सचिव, एक कोषाध्यक्ष चुनी जाती हैं।
पहले चरण में 10 हजार का ऋण
प्रथम चरण में डीएनयूएलएम से समूह संचालन के लिए 10 हजार दिया जाता है। इससे वे स्वरोजगार शुरू करती हैं। उसमें प्रदर्शन बेहतर रहने पर उन्हें बैंक से लिकंअप कराया जाता और फिर बैंक से ऋण दिलाया जाता है। बैंक से अधिकतम 10 लाख तक का ऋण दिया जा सकता है।
इस तरह का काम होता है यहां
स्वयं सहायता समूह की ओर से आचार- पापड़, सिलाई बुनाई कशीदाकारी कार्य, अगरबत्ती मोमबत्ती, पत्ता प्लेट बनाने सहित कई गृह उद्योग का कार्य कर सकती है।
महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए चलाई जा रही कई योजनाएं : नगर मिशन प्रबंधक
रणजीत कुमार , नवगछिया नगर परिषद के नगर मिशन प्रबंधक, ने बताया कि योजना अंतर्गत वार्ड 9 में गठित परी आजीविका स्वयं सहायता समूह के पिंकी देवी द्वारा थमॉकोल बंद होने के बाद सखुआ पत्ते के पत्तल का निर्माण किया जा रहा है जिसमे ग्रुप की सभी महिलाएं काम करती हैं। लगातार वह महिलाएं पत्तल का निर्माण कर खुद बाजार में बेचती भी हैं जिनसे उन्हें अच्छा-खासा मुनाफा हो रहा है। नवगछिया नगर परिषद क्षेत्र में 23 वाडों में वह समूह बनाया गया है। जिसमें कुल 213 समूहों में 2130 महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार की कुटीर उद्योग को किया जा रहा है। इससे उन्हें अच्छी आमदनी भी हो रही है। उन्होंने बताया कि लगातार महिलाओं को और स्वावलंबी बनाने की कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।