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भागलपुर के अलीगंज में वर्ष 2019 में हुए काजल एसिड कांड मामले में पुलिस ने बिना जांच किए निर्दोष पर मामला दर्ज कर जेल भेज दिया। घटना के बाद शहर के कुछ राजनीतिक पार्टी और कुछ संगठनों के द्वारा कातिलों की कार्रवाई की मांग की गई थी। लिहाजा पुलिस ने आनन-फानन में निर्दोषों के खिलाफ विरुद्ध कार्रवाई कर दी। परिजनों ने इस मामले को लेकर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है!

गिरफ्तार तथाकथित आरोपी रंजीत शाह के मां का कहना है कि पुलिस ने बिना सत्यापन किए ही मेरे पुत्र के खिलाफ एक्शन ले लिया। इधर बेटे की रिहाई की मांग को लेकर मां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखित आवेदन देते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। सोमवार को रंजीत शाह के पूरे परिवार डीएम कार्यालय पहुंचे। वहां पर उन्होंने लिखित आवेदन देकर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।।

रंजीत शाह के भाई ने बताया कि पुलिस इस केस में अनुसंधान किए बगैर मीडिया के दबाव एवं सूचक के प्रभाव में आकर निर्दोष व्यक्तियों के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित कर अपना खानापूर्ति किया है। इस केस में मेरे भाई रंजीत साह को पुलिस ने 15 अगस्त 2021 को घर से गिरफ्तार कर आरोप पत्र समर्पित किया है। इस केस में कई अनुसंधानकर्ता राजनीतिक दबाव में आकर सही बातों को छुपाने का काम की है। इस केस के अनुसंधानकर्ता मिथिलेश चौधरी तत्कालीन थाना अध्यक्ष बरगंज ने बगैर पीड़िता काजल कुमारी से मिले वह बयान लिए तथा इस घटना की प्रत्यदिरशी पीड़िता की मां पूनम देवी से बिना मिले वह बयान लिए आरोप पत्र समर्पित किया है।।

सोमवार को रंजीत शाह के पूरे परिवार डीएम कार्यालय पहुंचे वहां पर उन्होंने प्रशासन के कार्यशैली पर तंज कसते हुए कहा कि राजनीतिक दबाव में आने की वजह से पुलिस ने निर्दोष लोगों पर कार्रवाई की है। हालांकि इस मामले में पुलिस ने ढाई साल बाद रंजीत साह को उनके घर से दबोचा है। फिलहाल अभी वह जेल में बंद है।।

इधर पीड़ित के पूरे परिजन कभी मुख्यमंत्री को आवेदन दे रहे हैं तो कभी डीएम कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। और रिहाई की मांग को लेकर मां अपनी आंखों से आंसू बहा रही है। लिहाजा सुनने वाला कोई है ही नहीं। रंजीत शाह के भाई ने प्रशासन और सरकार से सीबीआई जांच की मांग की है।।

रंजीत शाह के भाई ने बताया कि रंजीत इंग्लिश ऑनर्स से ग्रेजुएशन कंप्लीट कर चुका है इसके अलावा रेलवे में जॉइनिंग लेटर भी आ चुका है लेकिन निर्दोष भाई अभी जेल में बंद है पुलिस ने अपनी उपलब्धि गिनाने के लिए पढ़े-लिखे बुद्धिजीवी लोगों को बिना जांच किए गलत रिपोर्ट कोर्ट में समर्पित किया है।।

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