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विश्वविद्यालय प्रशासन ने रिटायर होने वाले शिक्षकों और कर्मियों को अंतिम कार्य दिवस पर किया सम्मानित, कुलपति ने सौंपे पेंशन के सभी कागजात।

टीएमबीयू के तीन शिक्षक और तीन कर्मचारी हुए सेवानिवृत्त, रिटायर होने वालों में डीन और प्रभारी प्राचार्य भी शामिल।

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) प्रशासन ने सिंडिकेट हॉल में एक कार्यक्रम आयोजित कर इस माह में रिटायर हो रहे शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को अंतिम कार्य दिवस पर विदाई दी। मौके पर सम्मान समारोह का भी आयोजन किया गया।
टीएमबीयू के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने रिटायर्ड हो रहे शिक्षकों और कर्मचारियों को उनके उज्जवल भविष्य और दीर्घायु होने की कामना भी की। उन्होंने सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षकों और कर्मियों से कहा कि जब भी उनलोगों को कोई समस्या आये तो वे बेहिचक सम्पर्क करें। विश्वविद्यालय प्रशासन की सहानुभूति अपने इम्प्लॉई के साथ सदैव बना रहेगा। कुलपति ने कहा कि इम्प्लॉई हमारा अभिन्न अंग हैं। उनके सुख-दुख में विश्वविद्यालय भागीदार बनेगा।

विश्वविद्यालय पर उनका पूरा अधिकार है। उनके मेहनत और काबिलियत के बल पर ही विश्वविद्यालय आज आगे बढ़ रहा है।
विदाई समारोह में सम्मानित होने वाले शिक्षकों में सोशल साइंस के डीन डॉ मधुसूदन सिंह, एसएम कॉलेज के प्रोफेसर-इंचार्ज डॉ रमन सिन्हा, एमएएम कॉलेज नवगछिया (वर्तमान में एसएम कॉलेज में डेपुटेशन) के इतिहास के शिक्षक डॉ विनय कुमार झा सहित शिक्षकेत्तर कर्मी अर्जुन मेहतर एवं प्रदीप कुमार सिंह शामिल हैं। हालांकि, एक कर्मी कार्यक्रम में नहीं आ सके। शिक्षक और शिक्षकेत्तर संवर्ग को मिलाकर कुल छह इम्प्लॉई को विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके अंतिम कार्य दिवस पर एक समारोह आयोजित कर पेंशन हेतु मिलने वाले सेवांत लाभ और ग्रेच्युटी की राशि से संबंधित सभी कागजात सौंपा।
कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने रिटायर हो रहे सभी शिक्षकों और कर्मियों को खुद से पेंशन के कागजात सौंपे। पेंशन का दस्तावेज पाकर शिक्षक और कर्मी काफी खुश दिखे।
पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर ने बताया कि टीएमबीयू के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने रिटायर इम्प्लॉई के लिए एक एतिहासिक निर्णय लिया है।
कुलपति ने रिटायर होने वाले शिक्षकों और कर्मियों को उनके अंतिम कार्य दिवस पर सम्मानित करने और पेंशन के सभी जरूरी कागजात देने का वायदा किया था। अपने घोषणा और निर्णय पर मंगलवार को उन्होंने अमल भी किया।
कुलपति ने रिटायर हो रहे सभी शिक्षकों और कर्मियों को उनके विश्वविद्यालय और कॉलेज में दिए गए योगदान, समर्पण और कार्यकुशलता की तारीफ की। साथ ही उनके प्रति सम्मान और आभार जताया। वीसी ने कहा कि पेंशन हर इम्प्लॉई का हक है। पेंशन शिक्षकों और कर्मियों के वर्तमान और भविष्य की गारंटी भी है। इससे उनके पूरे परिवार का भरण-पोषण होता है। साथ ही पेंशन बुढ़ापे का सहारा भी होता है। पेंशन जीने का सहारा और आत्म सम्मान का भी साधन है।
कुलपति ने निर्णय लिया है कि जो शिक्षक और कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे। सेवानिवृति के अंतिम कार्य दिवस पर पेंशन के सभी जरूरी कागजात उपलब्ध कराते हुए विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाएगा। वीसी ने कहा कि टीएमबीयू में एक अच्छी परिपाटी और संस्कृति की शुरुआत की गई है।


कुलपति ने कहा कि टीएमबीयू के शिक्षक और कर्मी काफी मेहनती हैं। समर्पण के साथ वे काम करते हैं। विश्वविद्यालय को आगे ले जाने में शिक्षकों के साथ-साथ यहां के कर्मचारियों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। कर्मचारी विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण स्तम्भ होते हैं। वीसी ने कहा कि वे टीएमबीयू की शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने के लिए तत्पर और प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कर्मचारियों से टीम भावना और डेडिकेशन के साथ काम करने की अपील की है। उन्होंने सभी से सामूहिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करने को कहा है।
कुलपति ने कहा कि उन्हें आज काफी दुख हो रहा है कि इस माह में विश्वविद्यालय के तीन शिक्षक और कर्मी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि आगमन और विदाई प्रकति का नियम है। एक दिन हर किसी को सेवानिवृत्त होना है। वीसी ने कहा कि शिक्षक का पेशा दुनिया का सबसे उम्दा पेशा है। शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं। समाज की बेहतरी और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका काफी अग्रणी और महत्वपूर्ण होती है।
मौके पर कुलपति ने रिटायर हो रहे सभी शिक्षकों और कर्मियों को बुके, अंग वस्त्र, मोमेंटो और उपहार भेंट कर सम्मानित किया।
रिटायर हो रहे सोशल साइंस के डीन डॉ मधुसूदन सिंह ने कुलपति का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि सेवानिवृत्ति के दिन उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सम्मान के साथ-साथ पेंशन के सभी कागजात दिया जाएगा। यह उनके लिए स्वप्न जैसा है। उन्होंने इस नेक कार्य के लिए कुलपति के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि रिटायर होने वाले लोगों के लिएविश्वविद्यालय प्रशासन का यह एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला है। कुलपति ने अपने वायदे को कृतार्थ किया है।
सम्मान समारोह में रजिस्ट्रार डॉ गिरिजेश नंदन कुमार, प्रॉक्टर डॉ एसडी झा, कॉलेज इंस्पेक्टर डॉ संजय कुमार झा, पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर, डीओ अनिल सिंह सहित शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के सचिव रंजीत कुमार, वीसी के निजी सचिव डॉ श्रीमंत मुखोपाध्याय, मनोज विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे।

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