भागलपुर/ निभाष मोदी
कई घरों में पसरा है मातम ,सही सलामत घर पहुंचने को लेकर सरकार से लगा रहे गुहार
भागलपुर।तमिलनाडु में लगातार हिंदी भाषियों के साथ हो रहें मारपीट की घटनाओं से वहां काम कर रहें मजदूरों में दहशत का माहौल हैं।जिसके भय से त्रिपुर में काम कर रहें भागलपुर जगदीशपुर प्रखंड के कनेरी और आसपास के दर्जनों मजदूर घर वापस लौट गये हैं।जबकि टिकट नहीं बन पाने से कई मजदूर घर वापस नहीं आ पा रहें हैं। जो मजदूर अभी भी अपने घर वापस नहीं लौट पाए हैं उनके घरों में मातम छाया हुआ है ,
वापस लौटें मजदूर उत्तम कुमार ने बताया कि वहां पी एम एस कंपनी में टेक्सटाइल्स का काम करता था।अभी त्रिपुर में स्थिति काफी खराब हैं।वहां काम करने वाले लोग भय के साये में रह रहे हैं।उसने बताया कि मेरे साथ तो कोई घटना नहीं घटी थी।लेकिन मेरे बगल में रह रहें रूपौली गांव के धनंजय कुमार के साथ वहां के कुछ लोगों ने मार पीट किया था।तथा उसका पैसा और मोबाईल भी छीन लिया था।वहां जो हिंदी बोलता है उसे बिना कोई कारण ही मारपीट कर दिया जाता है।उसने बताया कि करीब एक माह से त्रिपुर में ऐसी स्थिति बनी हुई है और पांच दिन पहलें ही घर आया हूँ।अब जब स्थिति समान्य होगी तब फिर जाऊंगा।
वहीं पहले त्रिपुर में काम करने वाली महिला ने बताया कि हमलोग वहां कपड़े प्रेस करने का काम करती थी।मेरे सामने तो कोई घटना नहीं घटी थी लेकिन मुझे मामले की जानकारी हो गयी थी।वो लोग अक्सर शनिवार को ज्यादा मारपीट और छिनतई करते थे।क्योंकि उस दिन वहां काम करने वाले मजदूरों को तनख्वाह मिलतीं थी।उस दिन बहुत ही सावधानी से डेरा पहुंते थे।
वहीं रामविलास कुमार ने बताया मै वहां पुरे परिवार के साथ रहता था। और दिन पहलें ही घर आया हूँ।रामविलास का कनेरी में ससुराल हैं जबकि अमरपुर के सलेमपुर में उसका घर हैं।घटना की जानकारी मिलने पर हमलोग भी काफी डर गये थे।एक मजदूर के साथ कुल्हाड़ी और हसुआ से मार पीट करने का वीडियो देखने के बाद और भी भय बड़ गया था। किसी तरह जान बचाकर घर आये हैं।वहीं गांव के राजन कुमार ने बताया कि त्रिपुर में कपड़े शिलाई का काम करता था। गांव के करीब दो सौ लोग वहां अगल अलग जगहों पर विभिन्न प्रकार के काम करते है।जिसमें लगभग पचास लोग वापस आ चुके हैं।
सोनू साह,प्रेम कुमार सहित कई लोग अपने-अपने घर वापस लौट चुके हैं।ग्रामीण सुशील पासवान ने बताया कि मेरा बेटा वरूण पासवान भी वहीं काम कर रहा है।लेकिन टिकट नहीं मिल पाने से घर नही आ पा रहा है।वह काफी भयभीत हैं।उससे फोन पर बराबर हाल चाल पूछ रहें हैं।लेकिन बेटे के साथ कोई अनहोनी न हो इसका भय बना हुआ है।कल्पित स्वर में बताया कि बस किसी तरह बेटा घर वापस आ जाये।जान बचेगी तो बहुत काम मिलेगा।उधर जो लोग घर वापस आ गये उसके घरवाले तो खुश हैं।परन्तु जो लोग नहीं आ पा रहें हैं उनके परिजनों में चिंता का महौल हैं।वहीं अधिकतर लोग वापस आने के बाद मीडिया के सामने नहीं आना चाहते हैं।चांदपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि शत्रुघ्न कुमार ने बताया कि कई लोग घर तो लौट चुके हैं लेकिन वे लोग सामने आने से कतरा रहे हैं। इस खबर का जायजा लिया हमारे संवाददाता निभाष मोदी ने।