मूक बधिर बच्चे नर्क से भी बदतर जिंदगी जीने को है बेवस, सरकार को इसकी कोई सुध नहीं
भागलपुर ।क्या मूकबधिर बच्चे पानी नहीं पीते? क्या मूक बधिर बच्चे पंखे में नहीं रहते? क्या मूक बधिर बच्चे को बिजली की सुविधा और उचित शिक्षा नहीं चाहिए? ऐसी ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, बिहार सरकार की उदासीनता के कारण भागलपुर के मुख बधिर बच्चे नर्क से भी बदतर जिंदगी जीने को विवश है और उसके कसूरवार सीधे तौर पर सरकार है, बिहार सरकार की पोल खोलती तस्वीर ऐसा कुछ बयां कर रही है जिसे देखकर आपके होश उड़ जाएंगे, ताजा मामला भागलपुर में चल रहे समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय मूकबधिर आवासीय विद्यालय का है।
गौरतलब हो कि समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय मूक बधिर आवासीय विद्यालय भागलपुर की स्थापना 1994 में की गई थी। जिसके बाद यह स्कूल एक किराए के भवन में चलता था। लेकिन फिर इसे खंजरपुर स्थित रिफ्यूजी कॉलोनी में स्थानांतरित कर दिया गया। लेकिन इस आवासीय विद्यालय में किसी भी तरह की सुविधा नहीं है। ना तो पानी और ना ही बच्चों के लिए क्लासरूम ही है। वही एक झोपड़ी के नीचे 8 क्लास तक के बच्चे की पढ़ने की बात कही जाती है।
मूक-बधिर आवासीय विद्यालय के कार्यरत शिक्षक शिक्षिका का कहना है कि यहां काफी परेशानी होती है। अगर सरकार और जिला प्रशासन ध्यान दें तो हालात सुधर सकते हैं। स्कूल में तीस बच्चों का नामांकन लिया जाता है। जबकि 50 बच्चों के एडमिशन के लिए स्वीकृति मिली हुई है।