शनिवार को नहाए खाए के साथ चैती छठ पर्व हुआ था शुरू
शनिवार से नहाय-खाय के साथ सूर्योपासना का महान पर्व चैती छठ शुरू हो गया है। चैती छठ चार दिनों तक चलेगा। चैती नवरात्र के छठा दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दिया जाता है, जबकि सातवा दिन भगवान सूर्य को सात पूजा को उदीयमान सूर्य को अर्घ दिया जायेगा।सोमवार को अस्ताचलगामी सूर्य अर्घ दिया जाएगा।जबकि मंगलवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्ग दिया जाएगा।जिसके बाद यह चार दिवसीय चैती छठ संपन्न हो जाएगा.
वही रविवार को छठ वर्ती ने भर दिन उपवास रखकर शाम मे खरना का प्रसाद बना कर ग्रहण किया।जिसके बाद निर्जला व्रत शुरू हो गया।सहारा समिति दुर्गा मंदिर के पंडित ललित नारायण झा ने बताया कि चैत्र माह में जिसे चैती छठ कहा जाता हैं। वहीं दूसरी कार्तिक माह में जिसे छठ पूजा कहा जाता हैं।हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, नए साल के पहले महीने यानी चैत्र की षष्ठी तिथि को मनाये जाने के कारण इसे चैती छठ कहते हैं। नहाय खाय के दिन से सेंधा नमक से बना अरवा चावल, कद्दू की सब्जी व चना के दाल का प्रसाद खाया।जबकि अगले दिन उपवास होता है। दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को पूरे नियम व आस्था के साथ प्रसाद बनाई।पूजा के बाद घर के सभी सदस्य प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण करते हैं. जिसे खरना कहा जाता है।