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– 17 अक्तूबर को कलश स्थापना और 26 को विजया दशमी,

– घोड़े पर होगा मां दुर्गा का आगमन, भैंसे पर करेंगी प्रस्थान


– कोरोना काल की तमाम पाबंदियों के बाद भी नवगछिया अनुमंडल में विभिन्न जगहों पर दुर्गा पूजा की तैयारी जोर शोर से की जा रही है. मालूम हो कि इस बार 17 अक्तूबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ है और विजया दशमी 26 अक्तूबर को है. इस बार शारदीय नवरात्र दस दिनों का होगा. पंडित अरुण कुमार मिश्र ने जानकारी देते हुए कहा कि इस बार माता का आगमन घोड़े पर होगा और माता भैंसे पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी. माता कर आगमन और प्रस्थान के बारे में बताते हुए पंडित श्री मिश्र ने कहा कि घोड़े पर आगमन का प्रभाव राजा का छत्र भंग होना या राजा को परेशानी होना शास्त्रों में बताया गया है. जबकि माता का भैंसे पर सवार होकर गमन करना महामारी, रोग, शोक की ओर इशारा करता है. दूसरी तरफ इस बार मलमास के कारण पितृ पक्ष के ठीक एक माह बाद शारदीय नवरात्रि शुरु हो रही है. यह बेहद सुखद संयोग है. पंडित अरुण कुमार मिश्र बताते हैं कि इस नवरात्र श्रद्धा भाव से जो भी भक्त माता का पूजन करेगा. वह अजेय, पराक्रमी और सुखद जीवन जीने का अधिकारी होगा. कुल मिला कर माता के भक्तों के लिये यह नवरात्र शुभतिशुभ है. इधर इलाके में माता का घोड़े से आगमन की बात को आसन्न विधानसभा से जोड़ कर देखा जा रहा है और उसके राजनीति मायने निकले जा रहे हैं.


चित्रा नक्षत्र को लेकर विभिन्न विद्वानों में मतभेद


पंडित अरुण कुमार मिश्र ने कहा कि नवगछिया अनुमंडल मिथिला पंचांग को मानता है. ऐसे में इस बार कलश स्थापना के दिन चित्रा नक्षत्र होना विद्वानों के मतों में विभेद ला रहा है. श्री मिश्र ने कहा कि चित्रा नक्षत्र में कलश स्थापना शास्त्रों में निंदनीय है लेकिन शास्त्रों में ही कहा गया है कि अगर दिन के दस बजे तक कलश स्थापना, पूजा कर लिया जाय तो फिर यह स्वीकार्य होगा. पंडित श्री मिश्र ने कहा कि इसलिये इस बार 17 से ही शारदीय नवरात्र प्रारंभ होना है.

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