श्रीरामचरितमानस नवाह पारायण यज्ञ एवं श्री राम कथा का आयोजन
श्रीरामचरितमानस नवाह पारायण यज्ञ एवं श्री राम कथा की अमृत वर्षा के सातवे दिन बनारस से आई मानस कोकिला श्रीमती हीरामणि देवी ने अपने संगीतमय प्रवचन में कहा की जीवन में हमारा कर्म हमारा पुण्य के काम आता है । हमारा पुण्य ही हमारी रक्षा करता है । हमें जितना हो भगवान का नाम लेना चाहिए और अधिक से अधिक दान करना चाहिए । कलयुग में हम सिर्फ भगवान का नाम लेकर तर जाएंगे इसलिए कलयुग में राम नाम लीजिए राम का नाम ही हमें पार लगा सकता है । अपने क्षमता के अनुसार दान अवश्य करना चाहिए ।
भाई में भाई प्रेम चाहते हैं तो विवाह के पहले भाई का ध्यान रखना विवाह के बाद भाभी बच्चे का ध्यान रखना चाहिए । किसी के गुण को नहीं देखते उनके दोष को देखते हैं । हमें व्यक्ति का गुण देखना चाहिए उनकी प्रशंसा करनी चाहिए अगर दोष देखना है तो अपना दोष देखें । भगवान कभी हमारा बुरा नहीं चाहते जिसमें हमारा परम हित है भगवान वही करते हैं । जो केवल अपना दोष देखता है दूसरों का दोष नहीं देखता वो भगवान वॄति है ।
मेरे बांके बिहारी सांवरिया मेरे कुंज बिहारी सांवरिया किस तरफ तेरा जलवा नहीं है सीताराम सीताराम बोल रे मन बावरिया आदि भजनों पर श्रोता गन झूम रहे थे । वहीं इस आयोजन को सफल बनाने में अध्यक्ष दिनेश सर्राफ, उपाध्यक्ष बनवारी पंसारी, सचिव शिव जयसवाल, कोषाध्यक्ष श्रवण केडिया, मुख्य यजमान विनीत खेमका, मीडिया प्रभारी अशोक केडिया, जुगनू भगत विशाल चिरानिया, विनीत चिरानिया, अनिल चिरानिया, संतोष भगत, अनिल भगत, कैलाश अग्रवाल, किशन चिरानिया, किशन यादुका, अवधेश गुप्ता, रोहित मावंडिया, रवि चिरानिया, दयाराम चौधरी, संतोष यादुका, शंकर चिरानिया, अरूण यादुका, श्रीधर शर्मा आयुष खेमका पीयूष खेमका आदि लगे हुए हैं ।