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  • कन्या पूजन के बाद नवरात्र के अनुष्ठान को किया समाप्त

नवगछिया – दिल्ली में रह कर गोसांईंगांव की ममता झा अपनी सभ्यता संस्कृति से जुड़ी हुई हैं. वे वर्षों से शारदीय और वासंतिक नवरात्र नियम निष्ठा कर रही हैं. वासंतिक नवरात्रि के नवमी पूजा के दिन कन्या पूजन के बाद श्रीमती झा ने नवरात्र के अनुष्ठान को समाप्त किया. ममता झा दिल्ली के दिलशाद गार्डन कॉलोनी में रहती हैं. उन्होंने नवरात्र समाप्त करने के बाद जीएस न्यूज से खास बातचीत करते हुए कहा कि नवरात्रि में नौ दिनों के उपवास का एक आध्यात्मिक महत्व तो है ही साथ ही साथ इसका वैज्ञानिक महत्व भी है.

श्रीमती झा ने कहा कि आदि शक्ति जगत जननी जगदंबा सबों का कल्याण करती हैं, वे हमारे विकारों का हरण कर सृष्टि के कल्याण के प्रति हमें कुछ करने के लिये अग्रसर करती हैं. यह अपने आप को महसूस करने का पर्व है. अपनी जड़ों को तलाशने के पर्व है. आज चकाचौंध की दुनियां में हम अपनी जड़ों को भूल रहे हैं. हम बुजुर्गों को भूल रहे हैं. यह पर्व हमें अपनी ओर लौटाता है और सार्थकता की ओर अग्रसर करता है.

नौ दिनों तक उपवास कठिन तो है लेकिन इससे मिलने वाली शांति और ऊर्जा के समक्ष कष्ट कुछ भी नहीं है. श्री मति झा ने बताया कि नवरात्रि में 9 दिन का अनुष्ठान पूरे नियम निष्ठा के साथ मैथिल परंपरा के अनुसार करती हैं. उन्होंने कहा कि उनका मायका नवगछिया है. जहां से उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की. शादी के बाद ससुराल आने के बाद वह कुछ दिन ससुराल में रही. इसके बाद पटना और अब दिल्ली में रह रही हैं. चैती नवरात वर्षों से कर रही हैं जो उनके सहेली ने बताया था और उसके बाद शुरू किया. उन्होंने कहा कि नवमी के दिन कन्याओं को भोजन कराया. उनका खोइचा और आशीर्वाद लिया. मौके पर उनके परिवार के सभी सदस्य मौजूद थे. ममता झा ने सभी श्रद्धालुओं को रामनवमी और वासंतिक नवरात्र की शुभकामनाएं दी हैं.

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